लखनऊ। पिछले कई महीनों से न्याय की आस लगाये दर-दर की ठोकरें खा रही तीन माह की गर्भवती दुष्कर्म पीडि़ता को डीजीपी के आदेश के बाद अभी तक न्याय नही मिला, जिससे क्षुब्ध होकर पीडि़ता गुरूवार सुबह सिविल अस्पताल में लगी पानी की टंकी पर चढ़ गयी और जान देने की कोशिश करने लगी, जिससे अस्पताल में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने वहां पर पहुंच कर उसे कार्रवाई का आश्वासन देकर नीचे उतारा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह करीब 9ः30 बजे न्याय न मिलने से आहत गर्भवती दुष्कर्म पीडि़ता शिविल अस्पताल परिसर में बानी पानी की टंकी पर चढ़ गयी जिससे वहां हड़कम्प मच गया। सुरक्षा गार्ड की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने पीडि़ता को उतारने का भरसक प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिली। फायर ब्रिगेड की हाइड्रोलिक क्रेन भी सिर्फ दिखावा बानी रही। एमएस डा आशुतोष दुबे ने काफी भरोषा फोन पर पीडि़ता को दिलाया लेकिन वह नहीं उतरी। आखिरकार एसीएम एक विनोद कुमार के आश्वाशन के बाद करीब एक घंटे बाद पीडि़ता जब टंकी से उतरी तब पुलिस अधिकारियो ने रहत की साँस ली।
महिला पुलिस कर्मियों को सूझा मजाक, कहा बसंती टंकी पर चढ़ी है
एक तरफ जहा गर्भवती दुष्कर्म पीडि़ता न्याय के लिए गुहार लगाती फिर रही है वहीं महिला पुलिस कर्मियों मजाक सूझा मौके पर खड़ी महिला आरक्षी लक्ष्मी दुबे दांत निकालते हुए कह रही थी कि देखो बसंती टंकी पर चढ़ी है। उधर रोड पर जाम लगा था सैकड़ो की भीड़ उसे देखने के लिए अस्पताल परिसर में जमा थी। लेकिन मौके पर मौजूद भारी तादात में पुलिस ने स्थिति संभाली रखी।
थानाध्यक्ष ने कहा थाना हमें चलाना है डीजीपी को नहीं
पीडि़ता के मुताबिक, जब वह न्याय की गुहार लगाने ले लिए राजधानी पहुंची और विगत माह 19 मई को सबसे पहले लिखित शिकायती पत्र राष्ट्रिय अनुसूचित जाती आयोग के निदेशक को दिया उन्होंने तुरंत रिपोर्ट दर्ज करने के बाद मेडिकल कराकर 164 के तहत कलमबंद बयान दर्ज करने के फैक्स के माध्यम से एसपी आंबेडकर नगर और डीआईजी फैजाबाद को निर्देश दिए। दूसरे दिन पीडि़ता डीजीपी के पास पहुंची और अपना पूरा दर्द बयां किया।
जहां डीजीपी ने अपने पीआरओ को महरुआ थानाध्यक्ष से फोन कर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देने को कहा पीआरओ ने पीडि़ता को थाने पर दो दिन बाद जाने को कहा। जब पीडि़ता थाने पर पहुंची तो थानाध्यक्ष दिनभर उसे थाने पर बैठाये रखे और दिनभर गालियां देते रहे इस दौरान पीडि़ता से पुलिस ने सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और थानाध्यक्ष ने अपनी मर्जी से तहरीर बदल दी और कहा थाना मुझे चलाना है डीजीपी को नहीं मुकदमे की ऐसी की तैसी कर दूंगा तू दर-दर भटकेगी न्याय नही मिलेगा।
6 जून को धरने पर हुई थी बेहोश, दी थी आत्मदाह की चेतावनी
दरिंदगी की शिकार गर्भवती रेप पीडि़ता न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। शासन से लेकर प्रशासन तक गुहार लगा चुकी पीडि़ता की अभी तक कहीं सुनवाई नहीं हुई। कई बार धरना भी दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बावजूद पीडि़ता ने हिम्मत नहीं हारी। पेट में पल रही तीन माह की नन्हीं सी जान के साथ पीडि़ता न्याय की उम्मीद में विगत 6 जून को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ थी। इस बीच भीषण गर्मी और कमजोरी के कारण वह बेहोश हो गई। मौके पर मौजूद महिला पुलिस ने आनन-फानन में एम्बुलेंस बुलाकर उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था जहां पीडि़ता ने कहा था कि अगर उसे जल्द न्याय नहीं मिला तो आत्मदाह कर लेगी।
यह है पूरा मामला
अम्बेडकर नगर जनपद के महरूआ थानाक्षेत्र के दान्दूपुर गांव निवासी पीडि़ता सीमा देवी (काल्पनिक नाम) को विगत वर्ष 20 जुलाई 2014 को गांव के ही दबंग विनोद दुबे, गोविन्द कुमार तथा कसेरूआ गांव के रहने वाले लल्लू वर्मा उर्फ रणजीत ने शाम को जब वह शौच के लिए जा रही थी तो लाल रंगकी बोलेरो कार से उसे अगवा कर लिया और अकबरपुर की तरफ टाण्डा रोड पर जोलैहा गांव के पास कांशीराम आवास मे लल्लू वर्मा के मकान में बन्द कमरे में डरा धमकाकर बारी बारी से तीनों दबंगो ने रात भर बलात्कार किया। पीडि़ता का आरोप है कि तीनों उसे कई माह तक बन्धक बनाये रहे जब वह गर्भवती हो गई तो नशीला पदार्थ पिलाकर अकबरपुर के अमन अस्पताल ले गये वहां 10 हजार रूपये देकर गर्भपात करा दिया। इस दौरान वह मरणासन्न हो गयी तो उसे छोड़कर भाग गय थेे। पीडि़ता का आरोप है दबंगों ने गर्भवती होने के बाद कोर्ट मैरिज का दबाव बनाया लेकिन उस समय उम्र साढ़े 17 वर्ष होने की वजह से वकील तैयार नहीं हुआ इस दौरान गोविन्द ने अपने घर में रखा तो वह भी दुष्कर्म करता रहा। पीडि़ता दो माह के गर्भ से है तो गोविन्द के मां बाप ने पीटकर घर से भगा दिया। अब वह ठोकरे खा रही है।
पहले से ही परेशान है पीडि़ता एक बार धरने पर बेहोश हो चुकी है। उसे आश्वाशन के बाद सकुशल टंकी से उतार लिया गया ह। आंबेडकर नगर जिलाधिकारी ने भी फोन पर स्थिति के बारे में पूछा उन्हें जानकारी दे दी गयी है। पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा जायेगा।
विनोद कुमार एसीएम प्रथम
मामला राजधानी से जुड़ा नही है फिर भी हम हर संभव मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं। पीडि़ता के मुताबिक आंबेडकर नगर पुलिस को डीजीपी के पीआरओ द्वारा पहले ही सूचित कर कार्यवाही के निर्देश दिए जा चुके है पुलिस हर संभव मदद करेगी।
रोहित कुमार मिश्रा एसपी पूर्वी (लखनऊ)