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video : आईएएस शाहिद के खिलाफ कार्रवाई से बच रहे है हरीश रावत ! - Sabguru News
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video : आईएएस शाहिद के खिलाफ कार्रवाई से बच रहे है हरीश रावत !

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video : आईएएस शाहिद के खिलाफ कार्रवाई से बच रहे है हरीश रावत !
BJP releases video, accuses uttarakhand CM of liquor scam, harish rawat rejects allegation
BJP releases video, accuses uttarakhand CM of liquor scam, harish rawat rejects allegation
BJP releases video, accuses uttarakhand CM of liquor scam, harish rawat rejects allegation

देहरादून। शराब माफिया के साथ साठगांठ में फंसे उत्तरांचल के आईएएस अधिकारी शाहिद के खिलाफ राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की हैI इसका कारण ये है कि अगर राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत कोई कार्रवाई करते है तो इससे जहां उनकी सरकार बैकफुट पर आ जाएगी, वहीं विपक्षी भाजपा आक्रमक होकर सरकार के खिलाफ हमले करेगी I

सरकार के निकटस्थ सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री इस मामले में पूरी तरह से आरोपी आईएएस के साथ खड़े है I यही वजह है कि कथित रूप से आरोपी आईएएस अधिकारी शाहिद को सरकार बचने में लगी है I भाजपा ने जहां प्रेसवार्ता कर सरकार को कटघरे में खड़ा किया, वहीं सरकार को आज भी संगठन का कोई समर्थन मिलता नहीं दिखा।

भाजपा ने शराब सिंडिकेट के साथ सरकार के संबंध होने के आरोप लगाए तो मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी ने उसके जवाब में भाजपा नेताओं पर केन्द्रीय नेतृत्व को गुमराह करने और शराब सिंडिकेट के हितों की लड़ाई लड़ने का आरोप लगाया।

लेकिन पत्रकारों ने जब कांग्रेस के केन्द्रीय प्रवक्ता गौरव गोगोई के उस बयान के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने आरोपी आईएएस शाहिद सिद्दीकी को सस्पेंड करने,उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और मामले की जांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से कराने का दावा किया था तो मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ने गोगोई के बयान को झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई ने खुद उनसे बात की थी लेकिन मोबाईल नेटवर्क में कनजेंशन के कारण उनसे बात नहीं हो पाई।

भाजपा की प्रेसवार्ता आयोजन के बाद आनन-फानन में बुलाई गई पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि भाजपा नेताओं के शराब सिंडिकेट के साथ गहरे संबंध है। इसके बारे में उन्होंने पहले भी मीडिया को जानकारी दी थी कि भाजपा नेताओं का शराब सिडिकेंट से अमर प्रेम है। इसी बात की पुष्टि फैब्रिकेटेड सी.डी. प्रकरण से उजागर हो गई है।

उन्होंने कहा कि यह सर्व विदित है कि उत्तराखण्ड में लागू की गई आबकारी नीति में शराब व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी एजेंसियों ( मंडियां, गढ़वाल मण्डल विकास निगम और कुमांयू मण्डल विकास निगम ) को दिया गया है।

इसके विरूद्ध शराब सिंडिकेट भी उच्च न्यायालय की शरण में गया है कि उपरोक्त व्यवसाय सरकारी एजेंसियों के बदले निजी क्षेत्र को दिया जाय। भाजपा नेताओं द्वारा आज दिखायी गई कथित सीड़ी में न तो सीड़ी का स्थान, दिनांक और समय बताया गया है और न कोई पुख्ता तथ्य रखा गया है। ऐसे में मेरा भाजपा नेताओं से आग्रह है कि सीडी की सत्यता की पुष्टि करे कि किस स्थान, दिनांक और समय पर यह सीडी. बनायी गई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता निजी सिंड़िकेट के हितों की लड़ाई लड़ने का काम कर ही है और शराब माफियाओं के प्रति इतनी समर्पित रही है कि गैरसैण में आयोजित ऐतिहासिक विधान सभा सत्र को भी शराब माफियों के हित में चलने नही दिया। इसमें किसी भी निजी व्यवसायी को कोई लाभ नही दिया गया है। इसी बात से भाजपा नेता बौखलाये हुए है और शराब व्यवसायियों के हितों में लड़ाई लड़ रहे है।

भाजपा नेता शुरू से उत्तराखण्ड के हितों के विपरीत कार्य करते आ रहे और अपने शीर्ष नेतृत्व को अंधेरे में रख रहे है। जिस कारण उत्तराखण्ड को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अपने नेतृत्व से वाहवाही लूटने के लिए ये फैब्रिकेटड सीडी जारी की है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यदि सीडी की सत्यता प्रमाणित होती है, तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जाय।

हालांकि कांग्रेस नेता इस बात का कोई जवाब नहीं दे पाए कि जब ये सीडी बनाई गई थी तो उस समय प्रदेश की आबकारी नीति नहीं बनी थी और सीडी में उसी आबकारी नीति को अपने पक्ष में कराने के लिए सारी डील होती दिखाई गई है। वे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के उस बयान का भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए जिसमें उन्होंने कहा कि था कि वे भी आबकारी नीति के बदलाव के पक्ष में नहीं थे और इसके साथ ही उन्होंने आरोपी अफसर को तुरंत उसके पद से हटाकर जांच कराने बात भी कही थी।

उधर पूरी राजधानी में आज भी सचिवालय और विधानसभा समेत अन्य कई स्थानों पर राजनीति और शासन प्रशासन से जुड़े लोग स्टिंग की सीडी तलाश कर उसे सुनते देखे गए। जगह जगह लोग मामले में आरोपी आईएएस और उसके प्रति मुख्यमंत्री के प्रेम को लेकर चर्चा करते रहे। प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषको की माने तो हरीश रावत सरकार में जिस तरह से खनन,भूमि और शराब माफियाओं की तूती बोल रही है उसके चलते अभी और भी संकट सरकार पर आ सकते है।