अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की ओर से जमानत हासिल करने के लिए दिया गया हलफनामा स्वीकार करने से बुधवार को इनकार कर दिया। सरकारी वकील मितेश अमीन ने न्यायाधीश ए जे देसाई की पीठ को बताया कि हलफनामा सरकार को स्वीकार्य नहीं है।
हार्दिक के दस्तखत वाले इस हलफनामे को उनके वकील जुबीन खरदा ने पेश किया। इस हलफनामे में भरोसा दिलाया गया है कि यदि हार्दिक को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह ऐसी गतिविधियों से दूर रहेंगे जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगडऩे की आशंका हो। हालांकि, इसमें ये भी कहा गया है कि वह ‘शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से पाटीदार समुदाय की शिकायतों के लिए प्रदर्शन करना जारी रखेंगे।
हलफनामे में हार्दिक ने यह भी कहा कि वह ऐसी कोई भी हरकत नहीं करेंगे जिससे कानून-व्यवस्था बिगड़े और वह अदालत की ओर से लगाई जाने वाली सभी शर्तों का पालन करेंगे।
हार्दिक के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल इसी मामले में गिरफ्तार किए गए चिराग पटेल, केतन पटेल और दिनेश पटेल नाम के उन आरोपियों के मुकाबले जमानत के ज्यादा हकदार हैं जिन्हें हलफनामा दाखिल करने पर जमानत दे दी गई थी। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई होगी।