लंदन। बिकनी के विज्ञापन के लिए कुछ दशक पहले शुरू हुई मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में अगले साल से अब बिकनी राउंड नहीं होगा। दुनिया भर में मशहूर सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन करने वाली मिस वर्ल्ड लिमिटेड की मालकिन जूलिया मोर्ले ने यह घोषणा की है।
उनकी इस घोषणा का श्रेय एक तरह से मिस यूनीवर्स प्रतियोगिता का आयोजन करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प की कटु टिप्पणी को जाता है, जिससे आहत होकर जूलिया मोर्ले ने यह कदम उठाया। डोनाल्ड ने 2000 में एरिक के निधन के बाद जूलिया को फोन करके बिकनी राउंड़ के संबंध में उन पर कुछ कटाक्ष किया था।
1951 में जूलिया के पति एरिक मोर्ले ने एक स्विमिंग सूट को चर्चित कराने के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया लेकिन मीडिया ने इस आयोजन को खूब बढ़ा चढ़ाकर पेश किया और मीडिया ने ही उसकी विजेता को मिस वर्ल्र्ड का नाम दिया।
वर्ष 1951 में पहली और आखिरी बार मिस वर्ल्ड का ताज पहनने वाली महिला ने बिकनी पहने हुए यह ताज लिया। जूलिया अब मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में सिर्फ सौंदर्य के बजाय बुद्धिमत्ता पर जोर देना चाहती हैं। इसकी शुरूआत दरअसल 1972 में ही कर दी गई थी, जब प्रतियोगिता मे ब्यूटी विद पर्पज श्रेणी को शामिल किया गया।
जूलिया ने एक पत्रिका एल को दिए इंटरव्यू में कहा कि मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि बिकनी में कौन सी लड़की कैसी दिखती है। हम दरअसल उनके शरीर को इतनी खोजी नजरों से नहीं देखते हैं। इससे किसी भी लड़की का कोई भला नहीं होता है और इससे आयोजनकर्ता को भी कोई लाभ नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि बिकनी राउंड उन्हें बहुत ही पुरातन और गैर जरूरी लगता है। उन्होंने कहा कि वह मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता को अन्य सौंदर्य प्रतियोगिताओं से जुदा रखना चाहती हैं। वह चाहती हैं कि इस प्र्रतियोगिता में सौंदर्य के बजाय बुद्धिमत्ता और व्यक्तित्व को देखा जाए।
उन्होंने कहा कि मुझे इससे कतई फर्क नहीं पड़ता कि किसी का पिछला हिस्सा किसी अन्य की तुलना में दो इंच बड़ा है। हमारी नजर वास्तव में स्त्री के नितंब पर नहीं है। हम वास्तव में यह सुनना चाहते हैं कि वह बोलती क्या हैं।
लंदन में 14 दिसंबर को आयोजित हुई सौंदर्य प्रतिस्पर्धा में दक्षिण अफ्रीका की सुंदरी रोलेन स्ट्रॉस विश्व सुंदरी चुनी गई। प्रतिस्पर्धा के अंतिम राउंड में सभी प्रतिभागी बिकिनी में नजर आई थीं