मुंबई। राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के विरुद्ध सहकारी जिला बैंकों में 25 हजार करोड़ रुपए के घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर समाज सेवक अन्ना हजारे की ओर से दाखिल की गई जनहित याचिका को शुक्रवार को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया है।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अन्ना हजारे को इस मामले में पहले मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ समाजसेवक अन्ना हजारे ने राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार तथा राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर सहकारी शक्कर कारखानों के व्यवहार में 25 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किए जाने का आरोप लगाया था।
हजारे ने कहा था कि शरद पवार व अजीत पवार की वजह से सहकारी शक्कर कारखानों को बीमार बताकर बेच दिया गया । इतना ही नहीं राज्य सरकार से इन कारखानों के विकास के नाम पर भी पैसे लिए गए, लेकिन शक्कर कारखानों का विकास नहीं किया गया।
हजारे ने हाईकोर्ट में बीमार शक्कर कारखानों तथा बीमार बताकर बेचे गए सहकारी शक्कर कारखानों की सूची भी सौपी थी। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में सर्वप्रथम शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया है।
हालांकि अन्ना हजारे के आरोप के बाद शरद पवार ने कहा था कि अन्ना हजारे समाज सेवक हैं, लेकिन इसका लिहाज कब तक किया जा सकता है। शरद पवार ने कहा था कि वह इस मामले में कानूनी राय ले रहे हैं और बहुत जल्द अन्ना हजारे के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा करने वाले हैं।