नई दिल्ली। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को नजरबंद करने के मामले में भारत ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि आतंकवादी संगठनों पर ठोस कार्रवाई करके ही पाकिस्तान इस मामले में अपनी गंभीरता का सबूत दे सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान पहले भी हाफिज सईद को नजरबंद कर चुका है। बात तो तब बनेगी जब आतंकवादी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होती है।
उधर, पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच तनाव में कमी आने की उम्मीद जताई है। मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के इसे भारत और अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला बताते हुए कई शहरों में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
गौरतलब है कि हाफिज सईद को सोमवार को उसके लाहौर स्थित मुख्यालय पर नजरबंद किया गया था। फिर उसे उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया। हाफिज के आवास को पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने उप-जेल घोषित कर दिया है।
इसके अलावा प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं। प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर पार्टी के झंडों को हटाकर राष्ट्रीय झंडे फहरा दिए गए हैं।
सईद को उसके घर में ही नजरबंद कर दिए जाने पर उसके समर्थकों ने इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन किया। हाफिज सईद ने खुद को नजरबंद करने के पीछे भारत-अमरीका का दबाव बताया है।
इस कुख्यात आतंकवादी की दलील है कि भारत के दबाव में आकर अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार को उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर किया है।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद ही कई मुसलिम देशों से लोगों के आने पर रोक लगा दी है और इस तरह की अटकलें हैं कि आने वाले समय में वह पाकिस्तान पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं।