Home Breaking कांग्रेस ने स्वीकारा, राहुल-चीनी राजदूत की मुलाकात हुई थी

कांग्रेस ने स्वीकारा, राहुल-चीनी राजदूत की मुलाकात हुई थी

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कांग्रेस ने स्वीकारा, राहुल-चीनी राजदूत की मुलाकात हुई थी
After morning of denials, Congress accepts Rahul Gandhi met Chinese ambassador
After morning of denials, Congress accepts Rahul Gandhi met Chinese ambassador
After morning of denials, Congress accepts Rahul Gandhi met Chinese ambassador

नई दिल्ली। राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात की खबरों को पहले ‘फर्जी’ करार देने के बाद कांग्रेस ने सोमवार को माना कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते हफ्ते चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने राहुल-लुओ मुलाकात पर उठे विवाद को विराम देने की अपील भी की।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कई राजदूत और राजनयिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से समय-समय पर शिष्टाचार मुलाकात करते रहते हैं। खास तौर से जी5 में शामिल देश व पड़ोसी देशों के भी शामिल हैं.. इनमें चीनी राजदूत हो सकते हैं या भूटानी राजदूत या पूर्व एनएसए शिव शंकर मेनन।

दिलचस्प है कि घंटेभर पहले सुरजेवाला ने ट्वीट कर राहुल गांधी व चीनी राजदूत की मुलाकात से इनकार किया था। कुछ समाचार चैनलों ने राहुल व चीनी राजदूत की मुलाकात को लेकर खबर भी प्रसारित की थी।

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के संबंध में ये खबरें विदेश मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गढ़ी हैं। हालांकि बाद में सुरजेवाला ने यह स्पष्टीकरण नहीं दिया कि सुबह में इनकार क्यों किया गया।

सुरजेवाला ने सुबह स्पष्टीकरण देते समय अपने बयान में जोर देकर कहा था कि यह झूठी खबर है और कुछ समाचार चैनल इसे ‘राष्ट्र विरोधी मुलाकात’ बताने में लगे हुए हैं।

दोपहर बाद के अपने बयान में सुरजेवाला ने कहा कि किसी को भी इस तरह के शिष्टाचार मुलाकात को सनसनीखेज बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जैसा कि गृह मंत्रालय के स्रोत इसे बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दूसरे विपक्षी नेताओं की तरह पूरी तरह से राष्ट्रीय हितों के प्रति सजग हैं और भारत-चीन सीमा और भूटान व सिक्किम में उत्पन्न स्थिति के बारे में चिंतित हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि कई राजदूतों ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। न सिर्फ चीनी राजदूत, बल्कि भूटानी राजदूत व पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन भी इनमें शामिल रहे।

दरअसल, बीते सप्ताह जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हैम्बर्ग में मिले तो राहुल गांधी ने सवाल उठाया था कि मोदी सीमा पर गतिरोध को लेकर चुप क्यों हैं।

वहीं, कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख राम्या ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि राहुल गांधी ने चीनी राजदूत से मुलाकात की या नहीं, उनका यह सवाल उठाना कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह जर्मनी के हैम्बर्ग में जी20 सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ सीमा विवाद का मुद्दा क्यों नहीं उठाया, सत्तापक्ष को नागवार गुजरा और इसी कारण यह फिजूल का विवाद खड़ा किया गया है।

राम्या ने जी20 सम्मेलन के दौरान खींची गई मोदी और शी की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि चीन की तरफ से घुसपैठ हो रही है और इसी समय यह सम्मेलन हुआ, लेकिन ‘कमजोर’ प्रधानमंत्री ने इस मसले पर बात करना भी मुनासिब नहीं समझा।

राम्या ने एक और ट्वीट में कहा कि अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने चीनी राजदूत से मुलाकात की है, तो भी मुझे यह कोई मुद्दा नहीं लगता। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा निजी और सार्वजनिक तौर पर सीमा विवाद का मुद्दा न उठाना जरूर मुद्दा है।