Home Delhi ‘पद्मावती’ की विशेषज्ञों से समीक्षा कराने की याचिका खारिज

‘पद्मावती’ की विशेषज्ञों से समीक्षा कराने की याचिका खारिज

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‘पद्मावती’ की विशेषज्ञों से समीक्षा कराने की याचिका खारिज
After Supreme Court, Delhi HC rejects plea against release of Padmavati
After Supreme Court, Delhi HC rejects plea against release of Padmavati
After Supreme Court, Delhi HC rejects plea against release of Padmavati

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की समीक्षा कराने के लिए इतिहासकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक समिति गठित करने के लिए दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।

याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गई थी कि ऐतिहासिक तथ्यों से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं से उन लोगों को प्रोत्साहन मिलता है, जो फिल्म का विरोध कर रहे हैं।

न्यायालय ने कहा कि ऐतिहासिक फिल्म की रिलीज के खिलाफ याचिका निराशाजनक और गलत विचार को दर्शाती है और ऐसी याचिकाएं उन लोगों का उत्साह बढ़ाती हैं, जो इसकी रिलीज के खिलाफ हैं।

जनहित याचिका अखंड राष्ट्रवादी पार्टी की ओर से दायर की गई थी, जो एक राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है। पार्टी ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व वाली समिति में सीबीएफसी के एक सदस्य को शामिल करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती के जीवन पर बनी फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर नहीं पेश किया गया है।

याचिका में कहा गया था कि समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फिल्म की रिलीज से किसी की भावनाएं आहत नहीं हों।

याचिका में यह भी कहा गया था कि सीबीएफसी को रानी पद्मावती के बारे में बेहद जानकार इतिहासकारों या लेखकों की मदद से फिल्म की कहानी की समीक्षा करानी चाहिए, ताकि 14वीं सदी की रानी की गलत या काल्पनिक छवि दुनियाभर के लोगों के सामने नहीं जाए और उनकी भावनाएं नहीं आहत हों।

जनहित याचिका को वकील पुनीश ग्रोवर के जरिए दायर किया गया। उन्होंने याचिका में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के निर्माता, निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली, फिल्म के पटकथा लेखक और सीबीएफसी को पक्षकार बनाया गया था।