Home Headlines रेप से जन्मी संतान भी जैविक पिता की सम्पत्ति में हकदार

रेप से जन्मी संतान भी जैविक पिता की सम्पत्ति में हकदार

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रेप से जन्मी संतान भी जैविक पिता की सम्पत्ति में हकदार
allahabad High Court rules child born out of rape has right over property of biological father
allahabad High Court rules child born out of rape has right over property of biological father
allahabad High Court rules child born out of rape has right over property of biological father

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था देते हुए कहा है कि बलात्कार के परिणामस्वरूप पैदा हुई सन्तान का अपने जैविक पिता बलात्कारी की जायदाद में वारिसाना हक होगा।

न्यायालय ने सुझाव दिया है कि इस विषम सामाजिक मसले से निबटने के लिए विधायिका उचित कानून बना सकती है।

न्यायाधीश शबीहुल हसनैन और न्यायाधीश डीके उपाध्याय की पीठ ने मंगलवार को यह अहम फैसला देते हुए कहा कि बलात्कार के कारण जन्मी सन्तान को दुराचार के अभियुक्त की नाजायज औलाद माना जाएगा और उसका उसकी सम्पत्ति पर हक होगा।

हालांकि न्यायालय ने यह भी कहा है कि अगर ऐसे बच्चे को किसी और व्यक्ति या दम्पती द्वारा बाकायदा गोद ले लिया जाता है तो उसका अपने असल पिता की सम्पत्ति पर कोई अधिकार नहीं रह जाएगा।

अदालत ने कहा कि हम यह मान सकते हैं कि जहां तक उत्तराधिकार का मामला है तो सम्बन्धित सन्तान का जन्म किन परिस्थितियों में हुआ, यह मायने नहीं रखता।

उत्तराधिकार का मसला सम्बन्धित पर्सनल लॉ से तय होता है। यह बात अप्रासंगिक है कि नवजात शिशु बलात्कार का नतीजा है या फिर आपसी सहमति से बने यौन सम्बन्धों का परिणाम है।

न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर बलात्कार के कारण जन्मी औलाद को कोई व्यक्ति या दम्पति गोद नहीं लेता है तो उत्तराधिकार के लिये उसे अदालत के किसी निर्देश की जरूरत नहीं होगी और वह सम्बन्धित पर्सनल लॉ के जरिये अपने असल पिता की सम्पत्ति में हिस्सा पाने की हकदार होगी।

पीठ ने कहा कि असल पिता की सम्पत्ति पर वारिसाना हक का मामला जटिल पर्सनल लॉ से जुड़ा है जो या तो कानून या परम्परा से संचालित होता है।

न्यायपालिका के लिए बलात्कार के नतीजे में पैदा हुई औलाद के लिए वारिसाना हक से सम्बन्धित कोई सिद्धान्त या नियम तय करना सम्भव नहीं होगा। अदालत ने कहा कि न्यायालय का ऐसा कोई भी कदम कानूनी शक्ल पा जाएगा और उसे भविष्य में निर्णयों के लिए उद्धत किया जाएगा, लिहाजा ऐसा कुछ करना उचित नहीं होगा।