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लिमिट बढ़ी, एटीएम से 10 हजार, चालू खाते से निकालें 1 लाख के नोट

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लिमिट बढ़ी, एटीएम से 10 हजार, चालू खाते से निकालें 1 लाख के नोट
ATM cash withdrawal Limit raised from Rs 4500 to Rs 10000 a day, says RBI
ATM cash withdrawal Limit raised
ATM cash withdrawal Limit raised from Rs 4500 to Rs 10000 a day, says RBI

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम से नकद निकासी की सीमा में बढ़ोत्तरी का एलान किया है। अब खाताधारक एटीएम से एक बार में 10 हजार रुपए तक निकाल सकेंगे।

इसी तरह चालू खाते से प्रति हफ्ते 50 हजार रुपए निकासी सीमा को बढ़ाकार एक लाख रुपए कर दिया है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने दो महत्वपूर्ण एलान किए। अब सभी एटीएम से एक बार में 10 हजार रुपए निकाल सकेंगे।

इस घोषणा के पहले तक ये लिमिट मात्र 4500 रुपए थी। लेकिन एटीएम से भी हर कार्ड पर हर हफ्ते केवल 24 हजार रुपए ही निकाले जा सकेंगे। इस तरह बचत खाते से कैश निकासी की लिमिट 24 हजार प्रति हफ्ता ही रही, लेकिन एटीएम से 4500 रुपए के बदले एक बार में 10 हजार रुपए निकालने की सहूलियत हो गई।

इसी तरह चालू खाताधारकों को हर हफ्ते 50 हजार रुपए के बदले 1 लाख रुपए तक नगद निकासी की सुविधा दी गई। इस तरह आरबीआई ने चालू खाते से हर हफ्ते कैश निकासी की सीमा को दोगुना कर दिया है।

बजट सत्र से पहले राहत

पिछले शुक्रवार के रिकार्ड के मुताबिक दस लाख करोड़ रुपए के नए नोट सिस्टम में डाले जा चुके हैं और तकरीबन एक लाख करोड़ रुपए के नोट देश के विभिन्न करेंसी चेस्टों में हैं।

बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल व सभी दक्षिणी राज्यों, पूर्वोत्तर के राज्यों में नकदी के लिए न तो बैंक शाखाओं में और न ही एटीएम पर कोई भीड़ है।

सूत्रों के मुताबिक वैसे भी अभी बैंक खाता से नकदी आहरण को लेकर जो सीमा लगी है वह सिर्फ औपचारिकता भर है। नोटबंदी लागू होने के पहले के आंकड़े बताते हैं कि हर एटीएम से औसतन 3400 रुपए की राशि निकाली जाती थी। अभी आरबीआई की तरफ से लगाई गई सीमा 4500 रुपए है।

ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी हिस्सों में हर परिवार में कम से कम दो लोगों के बैंक खाते हैं। यही वजह है कि एटीएम से भी दो तिहाई लोग एक से ज्यादा एटीएम से नकदी निकासी कर रहे हैं।

इससे ज्यादा की जिसे जरूरत है वह बैंक शाखा से 24 हजार रुपए तक की राशि प्रति सप्ताह निकाल रहा है। इसलिए नकदी निकासी पर सीमा लगाने का कोई बहुत मतलब नहीं रह गया है।

नोट आपूर्ति को लेकर भी सरकार व रिजर्व बैंक आश्वस्त हो गए हैं। बताते चलें कि, 31 जनवरी, 2017 से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इसके अगले दिन ही वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश होगा।

कांग्रेस, टीएमसी समेत तमाम विपक्षी दलों ने यह पहले ही ऐलान कर दिया है कि नोटबंदी और इससे आम जनता को हुई परेशानी का मुद्दा उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा। यह भी एक वजह है कि सरकार नोटबंदी के लागू होने की सीमा के खत्म होने के एक महीने बाद भी नकद निकासी की सीमा को लेकर संसद में नहीं जाना चाहती।