Home Breaking सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा, विवादित भूमि पर बने राम मंदिर

सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा, विवादित भूमि पर बने राम मंदिर

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सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का हलफनामा, विवादित भूमि पर बने राम मंदिर
shia waqf affidavit in supreme court ram temple at the historic site
shia waqf affidavit in supreme court ram temple at the historic site
shia waqf affidavit in supreme court ram temple at the historic site

नई दिल्ली। राम जन्म भूमि मामले में शिया वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कहा कि अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। इसके अलावा मस्जिद का निर्माण पास के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हो।

बोर्ड ने ये भी कहा कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ है लिहाजा वे ही ऐसी संस्था है जो इस विवाद के शांतिपूर्ण हल के लिए दूसरे पक्षों से बातचीत कर सकती है। शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि विवाद के हल के लिए उसे कमेटी बनाने के लिए वक्त चाहिए। उधर शिया वक्फ बोर्ड की इस राय से सुन्नी वक्फ बोर्ड सहमत नहीं है।

दरअसल शिया वक्फ बोर्ड विवादित जगह पर मंदिर बनाए जाने की बात खुले तौर कहता रहा है। लेकिन शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि विवादित जगह पर मंदिर और मस्जिद दोनों का निर्माण किया जाता है, तो इससे दोनों समुदाय में संघर्ष की संभावना बनी रहेगी। इससे बचा जाना चाहिए, इसके लिए विवादित जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए और विवादित जगह से छोड़ी दूर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद का निर्माण किया जाए।

रिजवी ने कहा कि उसके पास 1946 तक विवादित जमीन का कब्जा था और शिया के मुत्वल्ली हुआ करते थे, लेकिन तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था। शिया वक्फ बोर्ड ने कहा कि वह विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है। बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद बनवाने वाला मीर बकी भी शिया था। इसीलिए इस पर हमारा पहला हक बनता है।

गौरतलब है कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त से 3 जजों की बेंच हर रोज सुनवाई करेगा। बोर्ड ने कहा कि अगर मस्जिद बनाने की वैकल्पिक जगह मिले तो हम विवादित जगह पर दावा छोड़ने को तैयार हैं।

शिया वक्फ बोर्ड इलाहाबाद हाई कोर्ट में भी पक्षकार था। वहां शुरुआती दौर में उसने जगह पर दावा ठोका था। हालांकि बाद में विस्तृत दलील के लिए उनकी तरफ से कोई पेश नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में इन बातों को भी जगह दी है। अब एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके अपना हस्ताक्षेप पेश किया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ही मुसलमानों की तरफ से पैरोकारी कर रहे हैं।