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बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा ने की समान नागरिक संहिता की पैरवी

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बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा ने की समान नागरिक संहिता की पैरवी
taslima nasreen bats for uniform civil code in secret jaipur literature festival session
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जयपुर। बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने देश में समान नागरिक संहिता की वकालात की है।

जयपुर साहित्य उत्सव में शामिल होने अचानक पहुंची तस्लीमा ने सोमवार को कहा कि भारत में तत्काल समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव के मुद्दे को भी उठाया। साहित्य उत्सव में एक सत्र में चर्चा के दौरान नसरीन ने कहा कि मुझे अभिव्यक्ति की आजादी पर पूरा भरोसा है।

बौद्ध और हिन्दुत्व का विरोध करती हूं तो कोई दिक्कत नहीं होती है लेकिन जब इस्लाम की कट्टरता का विरोध करती हूं तो मुझे जान से मारने की धमकियां मिलती हैं। मेरे खिलाफ गैर कनूनी फ़तवे जारी होते हैं।

नसरीन ने कहा कि भारत में हिन्दू महिलाओं को बराबरी के अधिकार है जबकि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं को पूरे अधिकार नहीं मिलते। उनके साथ भेदभाव किया जाता है।

उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात उठाते हुए कहा कि भारत में मुस्लिम महिलाओं को बराबर का हक नहीं दिया जा रहा। इस्लाम को मानने वाले और इस्लामिक देश जब तक खुद के लिए आलोचना नहीं सुनेंगे, तब तक वे सेक्युलर नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि धर्म कोई भी हो, महिलाओं के खिलाफ ही होता है। उनके अधिकार की बात नहीं करता। सेक्युलर लेखकों का मर्डर नहीं होना चाहिए। शिक्षा से ही चीजें बदल सकती हैं। असहिष्णुता हर सेक्टर में है।

मैं राष्ट्रवाद में भरोसा नहीं करती बल्कि वन वर्ल्ड और वन पासपोर्ट में भरोसा करती हूं। उन्होंने कहा मुस्लिम वोट बैंक के लालच में सेकुलरिज्म की बात करने वाले लोग मेरा साथ देने से पीछे हट गए। मुझे 2008 में भारत छोड़ना पड़ा था।

बहुत मुश्किल दौर था ये मेरे लिए। तब बुद्धदेव भटृटाचार्य पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे। असल में उन्होंने ही बंगाल छोडने पर मुझे मजबूर किया। उन्होंने कहा कि फ़तवे जारी करने वाले लोग पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी दोस्त है तो फिर देश में फिर देश में सेक्युलरिज्म कहां है? उन्होंने कहा कि कलकत्ता मेरे घर जैसा लगता है।

भारत विविधता वाला राष्ट्र है। यहां टॉलरेंट और इंटोलरेंट दोनों ही तरह के लोग रहते हैं। बांग्लादेशी विवादित लेखिका नसरीन रविवार को जयपुर साहित्य उत्सव में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंची थी। उनका पहले से कोई कार्यक्रम तय नहीं था।

सोमवार को नसरीन का एक सत्र रखा गया। जब तसलीमा होटल डिग्गी पैलेस के फ्रंट लॉन में बोल रही थीं। उसी दौरान होटल के बाहर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने नारेबाजी की। हालांकि इस दौरान पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।