Home Bihar जहानाबाद : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में 15 लोग दोषी करार

जहानाबाद : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में 15 लोग दोषी करार

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जहानाबाद : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में 15 लोग दोषी करार
bihar : 15 people convicted, 23 acquitted in Senari sensational massacre
bihar : 15 people convicted, 23 acquitted in Senari sensational massacre
bihar : 15 people convicted, 23 acquitted in Senari sensational massacre

पटना। बिहार के जहानाबाद में 17 वर्ष पूर्व हुए 34 लोगों के कत्लेआम वाले बहुचर्चित सेनारी नरसंहार मामले में जहानाबाद जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है।

न्यायालय ने मामले में 15 लोगों को दोषी करार दिया है और 23 लोगों को अदालत ने बरी किया है। पन्द्रह नवंबर को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।

गौरतलब हो कि 17 वर्ष पूर्व 18 मार्च, 1999 की देर शाम साढ़े सात बजे प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के हथियारबंद दस्ते ने सेनारी गांव में कत्लेआम किया था और 34 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

मालूम हो कि सेनारी में उस शाम नक्सली वहां एक जाति विशेष के लोगों को घरों से उत्तर सामुदायिक भवन के पास बधार में ले गए थे। वहां उनकी गर्दन रेतकर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित कुल 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। चिंता देवी के पति व उनके बेटे की भी वारदात में हत्या कर दी गई थी।

मुकदमा लंबे समय तक चला। इस दौरान वादी चिंता देवी की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। चार आरोपियों की भी मौत हो चुकी है। इस हत्याकांड के 66 गवाहों में से 32 ने सुनवाई के दौरान गवाही दी।

बिहार में नरसंहारों का इतिहास

बिहार में नरसंहारों का इतिहास काफी पुराना है और पहला भोजपुर जिले के अकोढ़ी में 1976 में हुआ था। कई ऐसे नरसंहार हुए हैं जिन्हें याद कर आज भी दहशत होती है जिनमें प्रमुख रूप से सेनारी, मियापुर, लक्ष्मणपुर बाथे, बथानी टोला, बारा,तीसखोरा, नोनही नगवा, दलेलचक बघौरा, पिपरा नरसंहार शामिल है।

औरंगाबाद के मियापुर में वर्ष 2000 में 35 दलितों की हत्या कर दी गई थी, जहानाबाद के लक्ष्मणपुर बाथे में 1 दिसम्बर, 1997 को 58 दलित लोगों की रणबीर सेना ने हत्या कर दी थी।

भोजपुर के बथानी टोला में 11 जुलाई 1996 में पिछड़ी जाति के 22 लोगों की हत्या हुई थी, गया के बारा में नक्सलियों ने 12 फरवरी 1992 को अगड़ी जाति के एक विशेष वर्ग के 37 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी थी।

जहानाबाद के नोनही नगवा में 1989 में पिछड़ी जाति के 18 लोगों की हत्या हुई थी जबकि औरंगाबाद के दलेलचक बघौरा में पिछड़ी जाति के दबंगों ने अपने ही वर्ग के कमजोर तबके के 52 लोगों की हत्या कर दी थी।

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