Home Bihar मोदी के हमलों से तमतमाए नीतीश कुमार का पलटवार

मोदी के हमलों से तमतमाए नीतीश कुमार का पलटवार

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मोदी के हमलों से तमतमाए नीतीश कुमार का पलटवार
bihar polls : CM nitish kumar hits back at PM Modi
bihar polls : CM nitish kumar hits back at PM Modi
bihar polls : CM nitish kumar hits back at PM Modi

पटना। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगलवार को चुनावी सभाओं में किए गए हमलों पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री का नेतृत्व खोखला और उनके विचार संकीर्ण हो सकते हैं,यह देखकर वह अचंभित और दुखी हैं।

कुमार ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पोस्ट किया कि देश के प्रधानमंत्री का नेतृत्व इतना खोखला और विचार इतने संकीर्ण भी हो सकते हैं, यह देखकर मैं अचंभित हूं और दुखी भी। इस महान देश ने सदैव ऐसे नेता प्रस्तुत किए हैं जिनकी उदारता का उदाहरण हम अपने बच्चों को देते हैं और उन्हें गर्व से अनेकता में एकता का पाठ सिखाते हैं।

इस देश में आज तक ऐसे कोई भी प्रधानमंत्री नहीं हुए जिन्होंने अपनी जाति या धर्म को अपना परिचय बना दिया हो। इसलिए जब मैं देखता हूं कि देश के वर्तमान प्रधानमंत्री सार्वजानिक तौर पर अपने धर्म और जाति को आधार बनाकर वोट मांग रहे हैं, दिल दहल जाता है। लगता है जैसे किसी बेहद पवित्र और गौरवशाली परम्परा के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।

मैं इस बात का पुरजोर विरोध करता हूं। मुख्यमंत्री ने पोस्ट किया कि यह कैसा नेतृत्व है। देश का प्रधानमंत्री कभी हिन्दू होने का दंभ भरता है, कभी पिछड़ा या अतिपिछड़ा होने का दावा करता है, तो कभी खुद को गुजराती व्यापारी बता आत्मविभोर हो जाता है। करोड़ों रुपये का सूट पहनता है, पूंजीपतियों से सांठगांठ रखता है, पर जब वोट मांगना हो तो गरीब चाय वाला होने का प्रचार करता है।

लोगों की आंखों में धूल झोंकता है और दूसरी पार्टी अथवा धारा के नेताओं पर बेस्वाद तंज कसता है। आखिर यह कैसा नेतृत्व है, जो व्यक्ति लगातार अपनी जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्र और भाषा के आधार पर नेता होने का दावा करे, वह देश कैसे चलाएगा।

कुमार ने इसी क्रम में आगे लिखा कि जब अटल जी बिहार आए थे, तो उन्होंने एक सभा में कहा था कि आप बिहारी हैं तो मैं अटल बिहारी हूं। इस तरह के अनेक उदहारण हैं, जहां महान नेताओं ने अपने उदार व्यक्तित्व से विविधता से भरे इस देश के हर व्यक्ति, वर्ग, जाति, समुदाय, सम्प्रदाय, क्षेत्र और भाषा को छुआ है, उसे समाहित किया है।

मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि अपनी सकुंचित सोच से इस देश की महान परम्परा को धूमिल न करें। लोकतंत्र में हार-जीत सामान्य बात है। अत: आप बिहार में हार रहे हैं, तो क्या हुआ, अपने दुर्भावों से देशवासियों का भरोसा मत गंवाइये।