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सरकार ने बिटकॉइन में निवेश के खतरों के प्रति सावधान किया

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सरकार ने बिटकॉइन में निवेश के खतरों के प्रति सावधान किया
Bitcoin risks: Government warns against cryptocurrency, says don't get trapped
Bitcoin risks: Government warns against cryptocurrency, says don't get trapped
Bitcoin risks: Government warns against cryptocurrency, says don’t get trapped

नई दिल्ली। भारत सरकार ने शुक्रवार को क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में निवेश के खतरों को लेकर सतर्क करते हुए कहा कि बिटकॉइन की कोई वास्तविक कीमत नहीं होती है। सरकार ने इसकी तुलना पोंजी स्कीम से की, जिसमें भोले-भाले निवेशक धोखाधड़ी के शिकार होते हैं।

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आभासी मुद्राओं (वीसीज) को परिसंपत्तियों का कोई सहारा नहीं होता है, उनकी कीमतें पूर्णतया अनुमान पर आधारित होती हैं।

मंत्रालय ने निवेशकों को सतर्क करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को ऐसी पोंजी योजनाओं में फंसने से बचने के लिए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।

पोंजी स्कीम निवेश का वह भ्रमजाल है, जिसमें निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई रकम के लिए उच्च प्रतिफल मिलने का भरोसा दिलाया जाता है और यह प्रतिफल महज पुराने निवेशकों को नए निवेशकों के पैसों से प्रदान किया जाता है। ऐसे में पैसे के आगम से निर्गम ज्यादा होने पर निवेश की यह पूरी व्यवस्था चरमरा जाती है। अमरीका में इटली के एक प्रवासी के नाम पर इस स्कीम का नाम पोंजी स्कीम पड़ा।

वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि बिटकॉइन या अन्य आभासी मुद्राओं में निवेश बड़ा जोखिम है। आभासी मुद्राओं को डिजिटल रूप में संग्रह किया जाता है, जिससे इनके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है, जैसे कोई इन्हें हैक कर सकता है या फिर पासवर्ड भूलने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा मालवेयर के हमले से भी खतरे पैदा हो सकते हैं। इस तरह बिटकॉइन या अन्य आभासी मुद्राओं में निवेश किया गया पूरा पैसा डूब सकता है।

वीसीज में लेन-देन कूट रूप में होता है। इसलिए इनका इस्तेमाल आतंकियों को धन मुहैया करवाने, तस्करी, नशीली दवाओं का कारोबार और अन्य धनशोधन जैसे अवैध व विनाशकारी गतिविधियों में भी किया जा सकता है।

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आभासी मुद्राएं कोई वैध मुद्राएं नहीं हैं और भारत में इसके लिए नियामक संबंधी अनुमति या परिरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।

मंत्रालय ने कहा कि वीसीज न तो मुद्रा है और न ही सिक्का। सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) की ओर से वीसीज को विनिमय का माध्यम नहीं माना गया है। साथ ही, सरकार या भारत में किसी अन्य नियामक ने किसी एजेंसी को वीसीज के लिए एक्सचेंज या अन्य प्रकार के मध्यस्थ के तौर पर कार्य करने का लाइसेंस नहीं दिया है।

सरकार की ओर से यह कहा गया कि आरबीआई ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरों को लेकर निवेशकों को पहले भी तीन बार -दिसंबर 2013, फरवरी 2017 और दिसंबर 2017 में- सावधान किया है।

जांच एजेंसियों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसीज की मांग व कीमतों में तेजी से साइबर अपराधियों को निवेशकों को धोखाधड़ी का शिकार बनने का एक नया जरिया मिल गया है।

भारत में एक बिटकॉइन 10 लाख रुपए से ज्यादा पर बिका है और यहां लोग तकरीबन तीन हजार रुपये से लेकर लाखों में पैसे बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं।

बिटकॉइन में आई तेजी की बात करें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल न्यूयॉर्क में बिटकॉइन के मूल्य में 1,600 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस समय वहां बिटकॉइन 15,000 प्रति डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है।

उधर, क्रिप्टोकरेंसी के डीलर प्लूटो एक्सचेंज ने गुरुवार को भारत में आभासी मुद्राओं की लेन-देन के लिए पहला मोबाइल एप्लीकेशन शुरू करने की घोषणा की।

एक्सचेंज के संस्थापक व प्रबंधक भरत वर्मा ने कहा कि पहले से बाजार में मौजूद एप्स का इस्तेमाल बिटकॉइन में लेन-देन करने में चूक होने का खतरा रहता है, लेकिन प्लूटो के एप्स में महज मोबाइल नंबर के 10 डिजिट से ही लेन-देन संभव हो जाएगा।