Home Breaking भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने मनरेगा पर सरकार को घेरा

भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने मनरेगा पर सरकार को घेरा

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भाजपा विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने मनरेगा पर सरकार को घेरा
BJP Sanganer MLA Ghanshyam Tiwari
BJP Sanganer MLA Ghanshyam Tiwari
BJP Sanganer MLA Ghanshyam Tiwari

जयपुर। भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपनी मनरेगा को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने तिवाड़ी के सवाल पर स्वीकार किया कि सरकार की ओर से मनरेगा के भुगतान में कुछ विलंब हुआ है। ऐसा मनरेगा के सर्वर के तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ। बावजूद इसके महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वर्ष 2016-17 में 4430 करोड़ रुपए खर्च कर देश में राजस्थान पहले पायदान पर है।

उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि मनरेगा में सामग्री मद में बकाया 300 करोड़ रुपए का भुगतान अगले 20 दिनों में कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान मजदूरी भुगतान के मामले में देश में चौथे स्थान पर है।

मनरेगा योजना में राज्य की 252 ग्राम पंचायतों में कोई कार्य नहीं हुआ यह बिल्कुल निराधार है। ऎसी केवल पांच ग्राम पंचायतें हैं जिनमें इसी वित्तीय वर्ष में नगरीय परिधि के होने के कारण कोई कार्य नहीं हुआ है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने विधायक सुरेश धाकड़, सुखराम विश्नोई और प्रद्युम्नसिंह के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि मजदूरी भुगतान की राज्य में 97 प्रतिशत मजदूरों का भुगतान खातों के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में 97 लाख जॉब कार्डधारी हैं, जिनमें से इस वित्तीय वर्ष में 2 लाख 26 हजार परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया गया।

रोजगार देने के लिए फार्म नम्बर-6 भरने के बाद ही रोजगार दिया जाता है। इसे बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि को रोजड़ों से बचाने के लिए कार्य कराने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने खेतों की तारबन्दी को अनुमत कराने के लिए राजस्थान रोजगार गारन्टी परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भिजवाया जाने का विश्वास दिलाया।

राठौड़ ने बताया कि राज्य में मनरेगा के अन्तर्गत गरीब किसानों एससीएसटी लघु सीमान्त कृषकों के खेतों में खाला निर्माण, एनीकट, भूमि समतलीकरण करने, मेढ़बन्दी आदि के कार्य लिए राज्य में तीन लाख की लागत के 11 हजार 332 कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिन पर 165 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने बताया कि मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने पर 0.05 प्रतिशत राशि जुर्माना बतौर वसूल की जाती है। राज्य में वर्ष 2014-15 में 48 हजार एवं 2015-16 में 19 लाख तथा वर्ष 2016-17 में 19 लाख 82 हजार रुपए की राशि का बतौर जुर्माना सम्बन्घित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से वसूली की गई है।

इससे पहले विधायक घनश्याम तिवाड़ी के मूल प्रश्न का उत्तर देते हुए राठौड़ ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनाअन्तर्गत वर्ष 2013-14 में 1817.47 करोड़, वर्ष 2014-15 में 2105.41 करोड़, वर्ष 2015-16 में 2506.16 करोड़ एवं वर्ष 2016-17 में 26 फरवरी, 2017 तक 3083.45 करोड़ ूरी का भुगतान किया गया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक किया भुगतान निम्नानुसार है- 2013-14 में 1817.22 करोड़, वर्ष 2014-15 में 2104.14 करोड़, वर्ष 2015-16 में 2499.47 करोड़ एवं वर्ष 2016-17 में 3004.82 करोड़ भुगतान किया गया।

कार्मिकों की कमी, सर्वर की धीमी गति, श्रमिकों के खाते कोर बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़े हुए पोस्ट ऑफिस/ मिनी बैंक में होने से, खाते स्थानान्तरण में समय लगना एवं ई-एफएमएस की प्रक्रिया में सुधारात्मक र्कायवाही निरन्तर प्रगतिशील होने के कारण श्रमिकों के खाते नम्बर गलत अंकित होना महात्मा गांधी नरेगा योजना में भुगतान में देरी होने के मुख्य कारण रहे।