Home Headlines मैं किसानों के साथ रहा हूं और हमेशा रहूंगा : घनश्याम तिवाड़ी

मैं किसानों के साथ रहा हूं और हमेशा रहूंगा : घनश्याम तिवाड़ी

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मैं किसानों के साथ रहा हूं और हमेशा रहूंगा : घनश्याम तिवाड़ी

जयपुर। विश्व के सभी देशों में भारत आठवीं आर्थिक शक्ति बना है लेकिन भारतीय 184वें स्थान पर हैं, भारत तो सोने की चिड़िया बनने लगा लेकिन सोना तो चला गया एक के हाथ में और खेतों में चिड़िया उड़ाने के लिए रह गया किसान।

वर्तमान में देश में एक भी किसान ऐसा नहीं बचा है जो कर्जदार नहीं हो, और देश का सारा पैसा कुछ लोगो के हाथों में जा रहा है। देश में 70 वर्ष से केन्द्रीकृत पूंजीवाद चल रहा है। लोगों की आर्थिक गरीबों को रेखांकित करते हुए ये बात दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाडी ने जालसू में 11 दिन से चल रहे किसान धरने को समर्थन देते हुए कही।

लाभकारी हो खेती

उन्होंने कहा कि किसान का कर्ज माफ़ करना चाहिए और आगे भी जिस प्रकार कॉर्पोरेट्स को प्रोत्साहन राशि मिलती है उसी प्रकार किसान को भी इंसेंटिव मिलना चाहिए, केवल इतना ही नहीं लागत मूल्य कम करने के लिए खेती को मनरेगा से जोड़ कर लाभकारी कृषि की योजना सरकारों को बनानी चाहिए राजस्थान में तो किसान को सोलर में पार्टनरशिप करके न केवल फ्री बिजली मिले बल्कि बिजली बेचने का लाभ भी मिले, उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी गांवों को व सभी घरों को फ्री बिजली मिले ऐसा वे प्रयास करेंगे।

SIR बिल किसान के लिए काला कानून

इस अवसर पर उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा पास किया गया एसआईआर बिल किसानों के लिए एक काला कानून है। उन्होंने इस बिल को किसानों का घोर विरोधी बताते हुए कहा कि इस बिल के तहत किसानों का उनकी भूमि पर हक समाप्त हो जाएगा। साथ ही किसान उस भूमि पर मुआवजे का दावा भी नहीं कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि सिर्फ उन्होंने ही विधानसभा में इस काले कानून का लगातार 1 घंटे तक विरोध किया और किसी भी एमएलए तथा मंत्री ने इसके खिलाफ कुछ भी नही कहा। वे हमेशा से किसानों के साथ रहे हैं और हमेशा किसानों के हक की लड़ाई में उनके साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे किसानों का कर्ज माफ करवायेंगे और प्रति वर्ष उन्हें प्रोत्साहन राशि मिले इसके लिए प्रयास करेंगे।

राज का इक़बाल ख़त्म हो जाए तो काम नहीं होते

लोग कहते हैं पार्टी के कार्यकर्ता की नहीं चलती, विधायक की नहीं चलती, मंत्रियों की नहीं चलती तो किसकी चलती है तो सब कहते हैं कि केवल मुख्यमंत्री की चलती है तो हम कहते हैं कि जिसकी चलती है उसको चलता कर दो तो सब की चलने लग जाएगी।

उन्होंने कहा कि पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र के बिना वास्तविक लोकतंत्र बेमानी है प्रत्याशी जनता का सेवक बनने की जगह राज में बैठे सत्ताधीशों के सेवक बने बैठे हैं और इन सब समस्याओं को ले कर वाहिनी लोकसंग्रह अभियान के तहत पूरे राजस्थान में घूम रही है। 10 नवम्बर को काल भैरव जयंती है उस दिन वाहिनी निर्णय करेगी नयी राजनितिक शक्ति के निर्माण की।

इस अवसर पर किसान सभा के अध्यक्ष रामजीलाल यादव, भगवन सहाय भदाला, मुरली देवगुढ़ा, छीतर घोसला, अशोक विजय, प्रहलाद यादव, प्रभु कुमावत, भगवान खरवाड, अशोक यादव आदि उपस्थित थे।