Home Breaking गरीबी में जन्मा और गरीबी को जीया : प्रधानमंत्री मोदी

गरीबी में जन्मा और गरीबी को जीया : प्रधानमंत्री मोदी

0
गरीबी में जन्मा और गरीबी को जीया : प्रधानमंत्री मोदी
BJP National Executive : pm modi calls for consensus on transparent political funding
BJP National Executive : pm modi calls for consensus on transparent political funding
BJP National Executive : pm modi calls for consensus on transparent political funding

नई दिल्ली। देश में पारदर्शिता के बन रहे माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनैतिक दलों के चंदे में भी शुचिता और पारदर्शिता पर जोर दिया है साथ ही प्रधानमंत्री ने सुनाव सुधारों की भी पैरवी की।

भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों के चंदे में पारदर्शिता और चुनाव सुधार की दिशा में आगे बढ़ते हुए सहमति बनानी चाहिए, भाजपा इसमें सक्रिय भूमिका निभाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गरीबी में जन्मा हूं और गरीबी को जिया हूं। आलोचनाएं स्वागत योग्य हैं। आरोपों से घबराना नहीं, हमारी सच्चाई और संकल्प हमें अच्छाई के रास्ते पर बढ़ाती रहेंगी यही मेरा मानना है।

उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को पांचों राज्यों में विधान सभा चुनावों के लिए जमीनी स्तर पर मजबूती से काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि कार्यकर्ता बूथ स्तर पर प्रभावी रूप से काम करें। भाजपा और एनडीए के पक्ष में माहौल अच्छा है।

प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कार्यकर्ता बूथ स्तर तक गरीबों के लिए सरकार की ओर से चलाई गई योजनाओं और कार्यों को बताएं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जीवनशैली की चिंता करते हैं, हमें इसपर आपत्ति नहीं। हमारी सरकार की प्राथमिकता है गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर करना।

मोदी ने कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा ऐसा दल है जिसे समर्पित कार्यकर्ताओं का संबल प्राप्त है। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि ये हवा में बहते नहीं, ये वो हैं जो हवा का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं।

कार्यकारिणी में आए नेताओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां धरती से जुड़े लोग बैठे हैं जो जमीनी सच्चाई को बखूबी जानते हैं। नोटबंदी के बाद उपजे माहौल की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, भारतीय समाज की परंपरा है कि यह अपनी ताकत को परखता है और बुराइयों से लड़ने की क्षमता रखता है।

करेंसी का अनियंत्रित विस्तार भ्रष्टाचार की जननी है और भ्रष्टाचार बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है। बेनामी संपत्ति को नकदी से शक्ति मिलती है। हमें इस बात का फख्र है कि गरीब देश के गरीबों ने नोटबंदी को स्वीकारा। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय को दिल से माना और भ्रष्टाचार की बुराई और अभिशाप को मिटाने की पहल की।

इन दो माह में देश की समाजशक्ति का दर्शन हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब और गरीबी हमारे लिए चुनाव जीतने का माध्यम नहीं हैं। हमारे लिए गरीबी सेवा का अवसर है। गरीब की सेवा प्रभु की सेवा के समान है, हमारी सरकार इस संकल्प से काम कर रही है। गरीबी को परास्त करने की ताकत गरीबों के पास है। हम गरीब की ताकत बढ़ाएंगे।