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blow to Arvind Kejriwal : supreme court not stays on High Court's decision
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अरविंद केजरीवाल को झटका, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं

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अरविंद केजरीवाल को झटका, हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की लड़ाई मामले में दिए गए हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया है साथ ही दिल्ली सरकार की 7 याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 नवम्बर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली की आप सरकार को कड़ा झटका लगा है। आप सरकार के पिछले फैसलों की जांच के लिए पैनल के गठन के उपराज्यपाल के निर्देश पर भी सुप्रीमकोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार किया।

सुप्रीम कोर्ट ने तर्कों को सुनने के बाद कहा है कि वह दिल्ली सरकार की याचिकाओं को बड़ी बेंच के सामने भेजने पर विचार कर सकता है। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अनेक प्राथमिक आपत्तियां कीं और विभिन्न आधारों पर अपील रद्द करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि याचिका के पक्ष में हलफनामे पर सचिव नहीं बल्कि उप मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर हैं। रोहतगी ने कहा कि इस याचिका को तो केवल इसी आधार पर खारिज कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ पहले ही इस मामले पर गौर कर चुकी है दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बताया है।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने कहा कि मंत्री को हलफनामे पर दस्तखत अदालत के उस फैसले के कारण करने पड़े जिसमें कहा गया है कि सरकार के हर फैसले में उप राज्यपाल की पूर्व अनुमति होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी इन दस्तावेजों पर दस्तखत करने के लिए तैयार नहीं था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 अगस्त को फैसला सुनाया था कि दिल्ली संविधान के तहत केंद्र शासित प्रदेश ही है और एलजी इसके प्रशासनिक प्रमुख हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की अर्जी पर सुनवाई की।