Home Entertainment Bollywood बॉलीवुड ने भारत में सुपरमॉडल की अवधारणा खत्म कर दी : सोनालिका

बॉलीवुड ने भारत में सुपरमॉडल की अवधारणा खत्म कर दी : सोनालिका

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बॉलीवुड ने भारत में सुपरमॉडल की अवधारणा खत्म कर दी : सोनालिका
Bollywood Has Washed Away The Supermodel Concept In India, Says Model Sonalika Sahay
Bollywood Has Washed Away The Supermodel Concept In India, Says Model Sonalika Sahay
Bollywood Has Washed Away The Supermodel Concept In India, Says Model Sonalika Sahay

नई दिल्ली। प्रमुख भारतीय फैशन मॉडलों में से एक सोनालिका सहाय का कहना है कि भारत में सुपरमॉडल की अवधारणा मौजूद नहीं होने का एक कारण बॉलीवुड हस्तियों की मजबूत उपस्थिति है, जो बड़े विज्ञापनों, शूट को हथिया लेती हैं।

सोनालिका बेंगलुरू में हुए लॅक्मे फैशन वीक (एलएफडब्ल्यू) विंटर/फेस्टिव 2017 में मॉडल ऑडिशन का हिस्सा रह चुकी हैं।

सोनालिका ने बताया कि भारत में यह वास्तव में मुश्किल होता है, क्योंकि यहां बॉलीवुड अवधारणा सच में बहुत मजबूत है, इसलिए यह (सुपरमॉडल की अवधारणा) खत्म होती जा रही है।

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उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय फैशन मॉडलों का अपना प्रतिनिधित्व क्षेत्र, विज्ञापन होता है। भारत विज्ञापन केवल बॉलीवुड सितारे करते हैं, लेकिन हमारे पास भी प्रसिद्धि का हमारा हिस्सा है।

सोनालिका के मुताबिक बॉलीवुड का अपना आकर्षण होता है, इसलिए उनके पास बड़ी संख्या में विज्ञापन होते हैं, जो पहले मॉडल्स करती थीं।

सोनालिका का हालांकि मानना है कि बाजार बड़ा होने की वजह से मॉडलों को काम खोजना नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई ब्रांड हैं, जो मॉडलों के साथ काम करते हैं, डिजाइनर कैम्पेन और शूट में तो मुश्किल से ही कोई बॉलीवुड चेहरा नजर आता है।

सोनालिका ने मौजूदा दौर में उभरती मॉडलों के लिए मददगार साबित होने वाले फैक्टर के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत में फैशन उद्योग फिलहाल लंबी लड़कियों को प्राथमिकता दे रहा है। शरीर और लुक के मामले में मुझे लगता है कि सभी बहुत फिट हैं।

उन्होंने कहा कि नई लड़कियों के लिए सकारात्मक नजरिया बनाए रखना और जमीन से जुड़े रहना बेहद जरूरी है। सोनालिका एक दशक से ज्यादा समय से फैशन उद्योग का हिस्सा हैं। वह भारत में क्रिश्चियन डिओर घड़ी का चेहरा भी हैं।

दो बच्चों की मां सोनालिका का मानना है कि इन सालों में फैशन उद्योग के प्रति नजरिया भी बदला है। उन्होंने कहा कि इससे पहले, मुझे लगता था कि फैशन कुछ ऐसा नहीं था, जो पसंद के तौर पर पेशे के रूप में चुना जाता हो और लोग भी इसे अस्थायी पेशे के रूप में लेते थे।

फैशन अब स्थायी उद्योग बन गया है और यह पूर्णकालिक पेशा बन गया है। मुझे लगता है कि काफी लड़कियां इसमें रुचि दिखा रही हैं और उनके माता-पिता भी सहयोग दे रहे हैं। उन्हें लगता है कि यह उद्योग अब संगठित हो गया है और इस उद्योग में आने का यह उचित समय है।