Home Breaking संजय दत्त की सजा पूर्व रिहाई को सही साबित करे महाराष्ट्र सरकार : कोर्ट

संजय दत्त की सजा पूर्व रिहाई को सही साबित करे महाराष्ट्र सरकार : कोर्ट

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संजय दत्त की सजा पूर्व रिहाई को सही साबित करे महाराष्ट्र सरकार : कोर्ट
Bombay High Court gives Maharashtra government two weeks to justify sanjay dutt's early release
Bombay High Court gives Maharashtra government two weeks to justify sanjay dutt's early release
Bombay High Court gives Maharashtra government two weeks to justify sanjay dutt’s early release

मुंबई। बंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को अच्छे आचरण के आधार पर सजा पूरी होने से पहले रिहा करने के अपने फैसले को न्यायोचित ठहराने के संबंध में दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करे।

अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रजाक्ता शिंदे ने न्यायालय से यह भी कहा कि सरकार ने अपने महाधिवक्ता आशुतोष कुंभाकोनी को मामले में दलील रखने के लिए वकील नियुक्त करने का फैसला किया है। उन्होंने दो सप्ताह के वक्त की मांग की, जिसकी मंजूरी दे दी गई और मामले की सुनवाई एक पखवाड़े तक के लिए टाल दी गई।

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न्यायाधीश आरएम सावंत तथा न्यायाधीश साधना जाधव की खंडपीठ ने यह आदेश पुणे के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी, जिसमें उन्होंने सजा भुगतने के दौरान संजय दत्त को कई बार मिले फरलो तथा पेरोल को चुनौती दी है।

उच्च न्यायालय ने 12 जून को महाराष्ट्र सरकार को अपने फैसले को न्यायोचित ठहराने, अभिनेता को आठ महीने पहले जेल से रिहा करने के लिए विचार में लाए गए मानदंडों तथा उनके प्रति उदारता दिखाने के लिए अपनाई गई प्रक्रियाओं के संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।

संजय दत्त को मुंबई में मार्च 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले से जुड़े हथियार रखने के दोष में मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल जेल की सजा तथा 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

संजय दत्त ने अपनी पूरी सजा पुणे के यरवदा जेल में भुगती। उन्हें 25 फरवरी, 2016 को रिहा कर दिया गया। मुंबई में 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों में 257 लोगों की जान गई थी।

पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह जानना चाहा था कि क्या उप महानिरीक्षक (कारागार) से परामर्श लिया गया या जेल अधीक्षक ने सिफारिश को सीधे महाराष्ट्र सरकार के पास भेज दिया।

न्यायाधीश सावंत ने पूछा कि अधिकारी यह आकलन कैसे कर सकते हैं कि दत्त का आचरण बढ़िया था। उन्हें यह आकलन करने का मौका कब मिला, जबकि आधे समय दत्त पेरोल पर जेल से बाहर ही रहे?