Home Headlines बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा, थाम सकते हैं सपा का दामन!

बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा, थाम सकते हैं सपा का दामन!

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बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा, थाम सकते हैं सपा का दामन!
BSP leader Swami Prasad Maurya quits party, met senior samajwadi party leaders
BSP leader Swami Prasad Maurya quits party, met senior samajwadi party leaders
BSP leader Swami Prasad Maurya quits party, met senior samajwadi party leaders

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देते हुए मायावती पर गंभीर आरोप लगाया है।

मौर्य के इस कदम से 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को जोरदार झटका लगा है। उनके पार्टी न छोड़ने पर अब मायावती कार्रवाई करते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी तैयारी होने की बात कह रहीं हैं।

इधर, सपा नेता शिवपाल और आजम खां ने मौर्य के साथ गलबहियां कर यूपी का सियासी पारा चढ़ा दिया है। प्रेसवार्ता कर बाहर निकल अपने चैंबर की ओर जा रहे स्वामी प्रसाद को नेताद्वय अपने साथ लेकर चले गए।

अब सियासी गलियारे में इस चर्चा को बल मिल रहा है कि 27 जून को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में इन्हें मंत्री पद का लालच दे सपा अपने खेमे में लाने में जुटी है।

प्रेसवार्ता के दौरान विधानसभा के तिलक हाल के बाहर खड़े घटनाक्रम पर नजर गड़ाए भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की उपस्थिति ने इसे और रोचक बना दिया है।

हालांकि मौर्य ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान पार्टी में घुटन होने की बात की तो यह स्पष्ट हो गया कि उन्होंने केवल पद से ही नहीं बल्कि पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। बावजूद इसके मौर्य यह कहते रहे कि मैंने केवल पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं।

मायावती भी मौर्य को पार्टी से निकालने की बजाय यह कह रहीं हैं कि उनके परिवारवाद से पार्टी को दिक्कतें हो रहीं थीं। इसलिए उन्हें निकालने का खाका तैयार था और कुछ ही दिनों में बाहर का रास्ता दिखा जाता।

मौर्य के लोकदल से बसपा तक की राजनीतिक यात्रा का सिलसिलेवार उल्लेख करते हुए वर्ष 2007 में उन्हें ऊंचाहार से चुनाव लड़ाने और बेटे-बेटियों को टिकट देने की बात भी कही। सवाल किया कि ‘बेटे-बेटियों के टिकट के लिए स्वामी ने कितना पैसा दिया था, उन्हें नैतिक आधार पर यह बताना चाहिए।

मौर्य द्वारा मायावती को `दलित की बेटी नहीं दौलत की बेटी` कहने पर मायावती कहा कि विरोधियों के पास कोई चाल न होने पर ऐसे ओछे आरोप लगाए जा रहे हैं।

मायावती ने यह भी कहने से गुरेज नहीं किया कि यह सभी जानते हैं कि हर दल को चलाने के लिए धन की जरूरत है और कार्यकर्ता अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग भी करते हैं।

मौर्य लम्बे समय से बसपा में मायावती के एक स्तम्भ के तौर पर थे। बसपा सरकार में हमेशा उन्हें प्रमुख पदों व अहम विभागों को दिया जाता रहा है। मौजूदा समय में तकरीबन चार साल से नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम कर रहे थे।

इस सियासी ड्रामे के बाद अटकलों का बाजार गर्म है। चर्चा है कि वे जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं और अखिलेश मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में कैबिनेट मंत्री जैसे महत्वपूर्ण से नवाजे जा सकते हैं।