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छत्तीसगढ़ में 2 IPS अफसरों की सेवा खत्म, डिप्टी जेलर निलंबित

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छत्तीसगढ़ में 2 IPS अफसरों की सेवा खत्म, डिप्टी जेलर निलंबित
Chhattisgarh : 2 IPS officers sacked, deputy jailer suspended
Chhattisgarh : 2 IPS officers sacked, deputy jailer suspended
Chhattisgarh : 2 IPS officers sacked, deputy jailer suspended

रायपुर। केंद्र सरकार ने आईपीएस के सर्विस रिकार्ड खंगालकर छत्तीसगढ़ के दो आईपीएस अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। वहीं सोशल साइट पर नक्सल समर्थित पोस्ट करने के चलते एक सहायक जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया है।

अनिवार्य सेवानिवृत्ति पाने वाले आईपीएस अधिकारी हैं एएम जूरी और केसी अग्रवाल। जानकारी मिली है कि भारत सरकार से मिले निर्देश के बाद राज्य सरकार ने शनिवार की देर शाम बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दोनों को नौकरी से हटा दिया।

इस बाबत जब एडीजी प्रशासन संजय पिल्लै से पूछा गया तो ने उन्होंने दो टूक कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार का ये ऑर्डर हवा में उड़कर आया है? क्या ऐसे ही योग्य अफसरों के भरोसे चल रहा है छत्तीसगढ़ का पुलिस मुख्यालय?

इसके पहले आईपीएस राजकुमार देवांगन को भी इसी तरह बर्खास्त किया जा चुका है। इस मामले के बाद ही एक्शन में आई राज्य सरकार ने सोशल साइट पर नक्सल समर्थित पोस्ट करने के चलते बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को निलंबित कर दिया है।

एएम जूरी और केसी अग्रवाल वर्ष 2000 बैच के आईपीएस हैं। दोनों के खिलाफ लंबे अरसे से डीई की कार्रवाई चल रही थी। इन दोनों के खिलाफ पुलिस मुख्यालय ने तो कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन कैडर रिव्यू के बाद दोनों पर कार्रवाई की गई है।

जूरी पर आरोप है कि वह जब बिलासपुर में पुलिस अधीक्षक थे, उस दौरान उन्होंने अपनी पहली पत्नी और बच्चे के रहते दूसरी शादी कर ली। वह पहली पत्नी को छोड़कर नई पत्नी के साथ रहने लगे। पहली पत्नी की शिकायत पर डीजीपी ओ.पी. राठौर ने बिलासपुर के तत्कालीन आईजी डी.एस. राजपाल से इस मामले की जांच कराई।

राजपाल ने इसके हर पहलू की जांच की और जूरी को दोषी पाया। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने जूरी पर लगे सभी आरोपों को सही ठहराया था।

Chhattisgarh deputy jailer suspended after Facebook post seen as in support of Maoists

इसी तरह आईपीएस अफसर के.सी. अग्रवाल वर्ष 2006 में जब सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक थे, तो इन पर ‘कोयला चोरी’ का आरोप लगा था। आरोप यह भी था कि अग्रवाल ने न सिर्फ चोरों को शह दे रखी है, बल्कि अवैध कोयला कारोबार को फलने-फूलने में मदद भी कर रहे हैं। अग्रवाल के खिलाफ भी लंबे समय से डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी चल रही थी।

जूरी जहां बालोद और बलौदाबाजार जिले के एसपी रह चुके हैं, वहीं अग्रवाल जशपुर और सूरजपुर जिला के एसपी के साथ-साथ रेलवे के एसपी भी रह चुके हैं।

राज्य सरकार ने बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को सोशल मीडिया में नक्सली समर्थक पोस्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सरकार इसके पहले भी रायपुर केंद्रीय जेल की पूर्व सहायक जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे के खिलाफ ऐसे ही एक मामले में कार्रवाई कर चुकी है। इसे लेकर भारी बवाल मचा था, लेकिन एक और सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव ने कुछ इसी तरह का पोस्ट करके सनसनी फैला दी थी।