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छोटी उम्र में बच्चो को क्यों होती हैं टेंशन, जानिए

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छोटी उम्र में बच्चो को क्यों होती हैं टेंशन, जानिए
child also take too much tension in childhood

child also take too much tension in childhood

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बच्चो की हँसी से हर कोई खिलखिला उठता हैं। बच्चो की मस्ती में अलग ही मज़ा हैं। बच्चा हस्त हैं तो माहौल खुशनुमा हो जाता हैं। लेकिन कई बच्चो में टेंशन लेने की आदत हो जाती है। 2-3 साल तक के बच्चों से लेकर 16-17 साल की उम्र पार करने तक उन्हें किसी भी वजह से टेंशन हो सकती है।

अक्सर बच्चों में अपने भाई-बहनों को अधिक अटेंशन मिलने के कारण टेंशन देखा जाता है। दूसरे भाई-बहन के जन्म के बाद पैरंट्स का अटेंशन नवजात शिशु पर अधिक हो जाता है और पहले बच्चे को मिलने वाला अटेंशन कम हो जाता है। नवजात शिशु के पास जाने के लिए भी उसे कई तरह की हिदायतें दी जाती हैं और जरा-सी लापरवाही पर उसे डांट पिला दी जाती है। इस तरह दूसरे बच्चे को मिलने वाले ज्यादा अटेंशन और प्यार के कारण उसमें हीन भावना आ जाती है। उसका मन उदास रहने लगता है।

आज बच्चों के बस्ते पहले के मुकाबले काफी भारी हो गए हैं। मज़ेदार खबरों के लिए यहां क्लिक करें उनके सब्जेक्ट्स भी बढ़े हैं और हर महीने क्लास टेस्ट, यूनिट टेस्ट, ट्यूशन टेस्ट आदि का दबाव अलग। किसी एक सब्जेक्ट में अच्छी पकड़ न बनने के कारण वह लगातार उसमें कमजोर होता जाता है।

प्रताडना शारीरिक हो या मानसिक, वह किसी को भी टेंशन में ले जा सकती है।(VIDEO: COMPETITION EXAM की तैयारी कर रहे छात्र इसे जरूर देखे) फिर बच्चों का मन तो बहुत कोमल होता है और वे इससे जूझने में सक्षम नहीं होते। वह ऐसी स्थिति को कंट्रोल भी नहीं कर पाते। ऐसे में वह गुमसुम रहने लगते हैं।

बच्चे सबसे अधिक अपने पैरंट्स के करीब होते हैं।(VIDEO: दुनिया की 10 टॉप फास्टेस्ट कार) पैरंट्स के साथ होने से उनमें कॉन्फिड़ेंस आता है। लेकिन आजकल जब पैरंट्स वर्किंग हैं तो ऐसे में वह अपने बच्चों के साथ वक्त नहीं बिता पाते और बच्चे खुद को अकेला पाकर टेंशन से घिरने लगते हैं।

दोस्ती एक खूबसूरत रिश्ता है और बचपन की दोस्ती का तो कहना ही क्या। इसमें दरार पड़ते ही किसी का भी मूड खराब हो सकता है। अक्सर लोग दोस्तों के साथ ही अपनी बातें शेयर करते हैं। बच्चों के लिए भी उनके दोस्त काफी अहम होते हैं। ऐसे में दोस्तों से लड़ाई उन्हें टेंशन में ला सकती है।

घर में यदि टेंशन भरा माहौल है तो उसमें बच्चे का टेंशन में आना स्वाभाविक है।(अस्थमा से डरे नहीं ये उपचार करें) आज की बदलती लाइफस्टाइल और तेजी से बढ़ते शहरों में रिश्तों की विश्वसनीयता घटती जा रही है और तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

पैसों की परेशानी सिर्फ बड़ों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी टेंशन में डालती है।(VIDEO: 10 ऐसे बॉलीवुड एक्टर जो कभी थे बैकग्रॉउंड आर्टिस्ट) बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उनके बीच में कुछ अमीर बच्चे होते हैं जिनकी पॉकेट मनी ज्यादा होती है। ऐसे में पैसों की कमी के कारण बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।

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