Home Headlines कोलगेट घोटाला : दर्ज होंगे मनमोहन सिंह के बयान

कोलगेट घोटाला : दर्ज होंगे मनमोहन सिंह के बयान

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coal scam : court asks CBI to take former PM manmohan singh's statement in hindalco allotment
coal scam : court asks CBI to take former PM manmohan singh’s statement in hindalco allotment

नई दिल्ली। देश की राजधानी की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाले के एक मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट मंगलवार को खारिज कर दी तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया।

सीबीआई की विशेष अदालत ने उद्योगपति कुमार मंगलम बिडला की कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में आगे की जांच की जरू रत पर बल देते हुए तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री के पास ही कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था।

न्यायालय ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। मामले में दाखिल सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इन्कार करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा कि मैंने और जांच के आदेश दिए हैं। मैं चाहता हूं कि अन्य अधिकारियों के अतिरिक्त तत्कालीन कोयला मंत्री मनमोहन सिंह के बयान दर्ज किए जाएं।

अदालत ने जांच एजेंसी को यह भी निर्देश दिया कि वह मामले में अपनी आगे की जांच पर अगले साल 27 जनवरी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे। इससे पहले 12 दिसंबर को अदालत ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला मंगलवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था, जिसमें एजेंसी ने बंद लिफाफे में केस डायरी और अपराध से जुड़ीं फाइलें भी जमा की थीं।

साल 2005 में जब बिडला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा द्वितीय और तृतीय में कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे, तब कोयला मंत्रालय का प्रभार पूर्व प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह के पास था।

इससे पहले 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान स्पेशल सीबीआई जज भरत पाराशर ने सीबीआई से सवाल किया था कि उसने कोयला घोटाले के मामले में पूर्व प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ क्यों नहीं की, जबकि हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटित किए जाने के वकत 2005-09 के दौरान डॉ. सिंह ही कोयला मंत्री भी थे। इस पर जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों टीकेए नायर और जावेद उस्मानी से पूछताछ की गई थी। उनके बयानों के आधार पर तत्कालीन कोयला मंत्री का बयान लेने की जरू रत महसूस नहीं हुई।

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