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सभापति को कहा बदतमीज, पार्षद को कहा बोल रहे हैं गोवा के काजू

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सभापति को कहा बदतमीज, पार्षद को कहा बोल रहे हैं गोवा के काजू
jitendra singhi debating with chairman tararam mali in sirohi nagar parishad
jitendra singhi debating with chairman tararam mali in sirohi nagar parishad

सबगुरु न्यूज-सिरोही। नगर परिषद की साधारण सभा जबरदस्त हंगामेदार रही। स्थिति यह थी कि करीब एक घंटा चली इस बैठक में अधिकांश पार्षद सभापति और आयुक्त को घेरे हुए खडे रहे। स्थिति यह आई कि एक बात पर कांग्रेस पार्षद जितेन्द्र सिंघी ने सभापति ताराराम माली को बदतमीज तक कह दिया। वहीं सभापति के समर्थन में बोलने आए एक पार्षद को तो विरोध में उतरे पार्षदों ने यह तक कह दिया कि यह आप नहीं गोवा के काजू बोल रहे हैं।

हंगामे के बीच हाथापाई की स्थितियां भी आई। दरअसल, कांग्रेस समेत भाजपा के कई पार्षद इस बैठक के एजेंडे में शहर में टूटी पडी नाली और सडकों की बजाय चौराहों पर मूर्तियां लगाने के प्रस्तावों को शामिल करने को लेकर यह विरोध जता रहे थे।

सिरोही नगर परिषद के सभागार में सोमवार को सभापति ताराराम माली की अध्यक्षता में साधारण सभा शुरू हुई। बैठक शुरू होते ही कांग्रेस के सभी पार्षद और भाजपा के कुछ पार्षदों ने बैठक के एजेंडे पर विरोध जताया। बैठक के दौरान ही आयुक्त को एक पत्र देकर इस बैठक के सभी एजेंडों पर आपत्ति जताते हुए बैठक को निरस्त करने की मांग की ।

विरोध करने वाले पार्षदों को कहना है कि शहर में सडकें, नालियां आदि बनाने के लिए पैसे की कमी बताई जाती है, लेकिन ऐजेंडे में हर चौराहे पर मूर्तियां लगाने का प्रस्ताव लिया जा रहा है। उनका कहना था कि बिना बैठक में प्रस्ताव लिए एयरलाइन होटल के पास बनाए जा रहे नाले का निर्माण बंद करवाया जाए।

वहीं विकास के पुराने प्रस्तावों पर काम करने पर भी अड गए। सभापति ताराराम माली और कांग्रेस पार्षद जितेन्द्र सिंघी में बहस इस कदर बढी कि जितेन्द्र्र सिंघी ने सभापति ताराराम माली को बदतमीज आदमी तक बोल दिया। दरअसल इस स्तर तक बहस तब पहुंची जब भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों से घिरे सभापति के समर्थन में आए एक भाजपा पार्षद को कांग्रेस पार्षद ने यह बोल दिया कि यह आप नहीं गोवा के काजू बोल रहे हैं।

इस पर सभापति ने कांग्रेस पार्षद को कटु शब्द कह दिया। इसी पर जितेन्द्र सिंघी भडक गए और सभापति की और मुखातिब होकर बोले कि क्या बोल रहे हो तुम। बोलने की तमीज नहीं है। बदतमीज आदमी। इस पर पास में ही बैठे उपसभापति धनपतसिह राठौड ने बीचबचाव किया। तो सभापति बोले की आप क्या बोल रहे हो गोवा के काजू-गोवा के काजू। बैठक में पूरी तरह हंगामा बरपा रहा और अनिर्णय की स्थिति में सभापति ने यह बोलते हुए बैठक खतम कर दी कि सभी प्रस्ताव पारित मान लिए हैं।

14 पार्षदों ने जताई आपत्ति

सिरोही नगर परिषद की सोमवार को हुई बैठक के एजेंडे पर कांग्रेस के पार्षदों के साथ कई भाजपा व निर्दलीय पार्षदों ने आपत्ति जताई। आपत्ति जताने वाले पार्षदों की संख्या 14 है जो कि सिरोही नगर परिषद के कुल पार्षदों की संख्या 25 के आधे से ज्यादा है। ऐसे में यह एजेंडे कानूनन पारित नहीं माने जा सकते। इस बैठक के एजेंडे पर बैठक शुरू होते ही पार्षदों ने लिखित में आपत्ति दर्ज करवा दी।

बैठक के बाद सभी पार्षदों ने जिला कलक्टर और उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में जाकर ज्ञापन देकर 4 सितम्बर की साधारण बेठक के एक से दस तक के सभी प्रस्तावों को निरस्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से एक भी एजेंडा जनहित का नहीं था।

शहर की सडकों, नालियों, गंदगी की कोई बात नहीं थी। उन्होंने बताया कि इसकी लिखित आपत्ति सभापति और आयुक्त को दे दी थी इसके बाद भी उन्होंने बिना चर्चा के सभी प्रस्ताव पास करने की बात कहते हुए बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी। इन पार्षदों ने 7 दिवस मे ंवार्डों के विकास के मुद्दों के साथ फिर से बैठक करवाने की मांग भी रखी। इनमें नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी, जितेन्द्र सिंघी, मारूफ हुसैन, पिंकी रावल, लता, प्रवीण कुमार, दुर्गा कंसारा, मीनाक्षी प्रजापत, सुकीदेवीए शैतानराम, हिम्मत कुमार, नैनाराम माली समेत वार्ड संख्या 16, वार्ड संख्या 6, के पार्षदों ने हस्ताक्षर किए।

आयुक्त कर रहे थे पार्षदों की तरह बहस

पहली बार नगर परिषद की बैठक में कोई आयुक्त को पार्षदों की तरह बहस करते हुए नजर आए। सिरोही नगर परिषद के आयुक्त ऐजेंडे का विरोध करने वाले पार्षदों का विरोध करते हुए नजर आए। वह पार्षदों के साथ सभापति और उनके समर्थक पार्षदों से ज्यादा बयानबाजी करते हुए उलझते दिखे। सभाभवन में मौजूद पार्षदों में भी यह चर्चा थी कि आयुक्त प्रहलाद सहाय को देखकर यह समझ में नहीं आ रहा था कि इस एजेंडे के पास होने में भला उनका क्या लाभ था कि वह इस तरह से बहस करते दिखे।

-मनोनीत पार्षदों ने तो हदें पार कर दी

दरअसल, नगर परिषद के मनोनीत पार्षदों की अहमियत बैठक में शामिल होकर नाश्ता करने से ज्यादा नहीं होती, लेकिन सोमवार को सिरोही नगर परिषद के तीन मनोनीत पार्षद तो हद से ज्यादा आगे निकल गए। पहली बार वह निर्वाचित पार्षदों से बहस करते दिखे। इतना ही नहीं उन्हें यह तक जानकारी नहीं है कि उनका वोट किसी प्रस्ताव में शामिल नहीं होता। ऐसे में जब सभापति ने पूछा कि कौन कौन इन प्रस्तावों के समर्थन में है तो निर्वाचित पार्षदों की जगह यही तीनों हाथ उठाने में आगे रहे। गलती का अहसास हुआ तो झट से हाथ नीचे कर लिए।

ishwarsingh dabi lean down to pick the sheos during meeting in sirohi

उपसभापति को मारने को जूता उतारने लगे नेता प्रतिपक्ष

बहस कई दौर में चली। एक स्थिति तो यह आई कि नेता प्रतिपक्ष और सभापति में आमने-सामने बहस हो रही थी। उसमें उपसभापति धनपतसिह राठौड कूदे और नेता प्रतिपक्ष को चुप कराने लगे। दोनों में बहस हो गई। इस पर नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी उपसभापति को मारने के लिए जूता तक उतारने पर आमादा हो गए। नेता प्रतिपक्ष उपसभापति को यह कहते रहे कि नेता प्रतिपक्ष को तू बैठ जा कहने की हिम्मत कैसे हुई।

-यह था एजेंडे में

सिरोही नगर परिषद की सोमवार को आहुत बैठक में दस एजेंडे थे। इनमें गौरव पथ पर चर्चा, गोयीली चैराहे पर मूर्ति लगाना व नामकरण, जेल चैराहे पर मूर्ति लगाना व सौंदर्यीकरण, सरजावाव दरवाजे से ट्रांसफार्मर हटवाना व मूर्ति लगवाना, अनादरा चैराहे का डवलपमेंट और नामकरण, सुभाष पार्क में नेताजी सुभाष चंद्र बोस में की मूर्ति बदलना, पुलिस अधीक्षक बंगले के पास की भूमि पर शहीद स्मारक बनवाना, बंद सीसीटीवी कैमरे पर चर्चा, अर्बुदा गौशाला के संबंध मे ंचर्चा व निर्णय तथा कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार विमर्श व निर्णय के एजेंडे शामिल थे।

-आखिर क्या है गोवा के काजू की कहानी

गोवा के काजू के पीछे की कहानी बडी मजेदार है। पिण्डवाडा में जब अविश्वास प्रस्ताव आया तो सिरोही नगर परिषद के सभापति के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव आने की चर्चा चली। कथित रूप से इसके लिए भाजपा के कई पार्षदों में पिश्वानिया महादेव में जाकर महादेव की सौगंध खाई। किंवदंती के अनुसार सभापति विरोधी खेमे की अगुवाई करने वाले प्रमुख भाजपाई पार्षद समेत दो और पार्षद एकाएक सिरोही से गायब हो गए।

उस समय यह चर्चाएं सोशल मीडिया पर चली कि सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से बचाने के लिए उनके समर्थकों ने इन्हें अपने खेमे में ले लिया और इन्हें घुमाने फिराने ले गए। चर्चा यह चली कि यह गायब पार्षद गोवा घूमने गए और वहां काजू खाए।

इत्तेफाक से सोमवार को जिस एजेंडे का सभी विरोध कर रहे थे उस पर सभापति के समर्थन में उतरने वाले चार मनोनीत पार्षदों में से ही एक को कांग्रेस पार्षद ने यह बोल दिया कि यह तुम नहीं गोवा के काजू बोल रहे हैं। वैसे जो पार्षद सोमवार को सभापति के समर्थन में बोल रहे थे उनमें से दो तो पिण्डवाडा वाले अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सबसे ज्यादा उनके विरोध में उतरे हुए थे।

वीडियो में देखिये गोवा के काजू और सभापति को बदतमीज आदमी कहने के बाद की बहस….

देखिये किस तरह और क्यों नेता प्रतिपक्ष ने उपसभापति पर जूता उठाने की कोशिश की…..

https://www.youtube.com/watch?v=BLnEN8sdWsE