Home Delhi बजट सत्र से पहले कांग्रेस जारी करेगी ‘स्टेट आफ इकोनॉमी 2017’

बजट सत्र से पहले कांग्रेस जारी करेगी ‘स्टेट आफ इकोनॉमी 2017’

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बजट सत्र से पहले कांग्रेस जारी करेगी ‘स्टेट आफ इकोनॉमी 2017’

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नई दिल्ली। बजट सत्र से पहले कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था पर एक रिपोर्ट पेश करने जा रही है। ‘स्टेट आॉफ इकोनॉमी 2017’ नामक इस रिपोर्ट को कांग्रेस सोमवार को जारी करेगी।

दूसरी ओर पार्टी ने ये भी ऐलान किया है कि एक फरवरी को बजट पेश होने के दौरान कांग्रेस सांसद सदन में नहीं रहेंगे। कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम इस स्टेट आॉफ इकोनॉमी 2017 को जारी करेंगे।

इस रिपोर्ट के माध्यम से कांग्रेस यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि आर्थिक वृद्धि दर में लगातार गिरावट आ रही है। अर्थव्यस्था नोटबंदी की वजह से खस्ता हाल के दौर में है।

वहीं स्टेट आॉफ इकोनॉमी 2017 को जारी करने से पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मेरी बात को गांठ बांध लीजिये, वर्ष 2017-18 और 2018-19 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6 और 6.5 फीसदी से अधिक नहीं होगी।

अर्थव्यवस्था में सुधार आने में दो साल लग जाएंगे। लोगों का मुद्रा से विश्वास उठ गया है, वह खर्च नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपने बिना वजह इस बिना सोचे-विचारे नोटबंदी के फैसले से देश की आर्थिक वृद्धि की कहानी को बाधित कर दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार का बड़ी राशि के पुराने नोटों पर पाबंदी के बाद नए नोटों को चलन में लाने का कदम ‘नोटबंदी’ नहीं बल्कि ‘नोटबदली’ है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस भी संसद से बाहर और अंदर इस मुद्दे पर कांग्रेस को समर्थन दे रही है।

बजट पेश होने के दौरान टीएमसी सांसद भी सदन से नदारद रहेंगे। टीएमसी ने कहा है कि उनकी पार्टी का कोई सांसद संसद में मौजूद नहीं रहेगा। टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन के अनुसार उनके यहां सरस्वती पूजा है। इसके अलावा टीएमसी ने बजट के पेश होने से पहले सोमवार सुबह हुई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया।

सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के सभी सांसदों को कालीघाट में अपने घर बैठक के लिए बुलाया है।

गौरतलब है कि विपक्षी दल चुनाव से पहले बजट लाने का विरोध कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष की 16 पार्टियां चुनाव आयोग भी गई थीं। उन्होंने बजट की तारीख को आगे खिसकाने की मांग की थी।

हालांकि चुनाव आयोग ने बजट सत्र आगे खिसकाने से मना कर दिया। लेकिन उन्होंने केंद्र को हिदायत दी कि चुनावी राज्यों के लिए अलग से कोई योजना न लाई जाए।