Home Breaking राहुल गांधी को सिंहासन सौंपने का रास्ता साफ

राहुल गांधी को सिंहासन सौंपने का रास्ता साफ

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राहुल गांधी को सिंहासन सौंपने का रास्ता साफ
congress working committee paves way for rahul gandhi to head congress by year end
congress working committee paves way for rahul gandhi to head congress by year end
congress working committee paves way for rahul gandhi to head congress by year end

नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने लंबे समय से कायम सस्पेंस पर विराम लगाते हुए इस साल के अंत तक राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की औपचारिक सिफारिश कर दी है। सीडब्ल्यूसी ने सोमवार को सोनिया गांधी की खराब सेहत को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया।

अगर राहुल कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाल लेते हैं तो यह सोनिया के 17 साल के कार्यकाल का अंत होगा। सोनिया ने जब कांग्रेस की बागडोर संभाली थी तब पार्टी में न सिर्फ नेतृत्व का संकट था बल्कि लगातार तीन चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं के हौसले भी पस्त थे।

सोमवार को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था ने राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने का रास्ता तैयार कर दिया। औपचारिक घोषणा अब केवल वक्त की बात है।

खास बात यह है कि जिस तरह खुद राहुल भी पहली बार जिम्मेदारी के लिए तैयार दिखे उसमें अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव संभवतः इसीलिए टला क्योंकि सोनिया गांधी अस्वस्थ हैं। उनके स्वस्थ होते ही उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले राहुल को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की औपचारिकता पूरी करना लगभग तय है।

कार्यसमिति ने कांग्रेस की चुनौतियों और देश के मौजूदा सियासी वातावरण को देखते हुए राहुल गांधी के नेतृत्व में ही पार्टी को आगे बढ़ाने का अहम राजनीतिक फैसला किया है। इसी के साथ ही राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाने की गुंजाइश पार्टी ने बंद कर दी है।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अहम मसलों पर चर्चा के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की 4 घंटे चली बैठक की अध्यक्षता सोनिया की गैरमौजूदगी में बतौर उपाध्यक्ष राहुल ने ही की।

बैठक के बाद कार्यसमिति के सबसे वरिष्ठ सदस्य और दस जनपथ के विश्र्वासपात्र एके एंटनी ने एलान किया कि कार्यसमिति ने सोनिया गांधी से राहुल को कांग्रेस की अध्यक्षता सौंपने की सिफारिश करने का फैसला किया है।

कार्यसमिति की राय में देश के सामने संघ-भाजपा के साथ मोदी सरकार की सियासी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई की बड़ी चुनौती को देखते कांग्रेस की कमान संभालने का राहुल के लिए यही सही समय है। इसलिए कांग्रेसियों की इच्छा के अनुरूप कार्यसमिति सोनिया गांधी से राहुल को बागडोर सौंपने की तीव्र इच्छा जाहिर करती है।

राहुल भी बोले, हां मैं तैयार

कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले पर राहुल ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए पार्टी जो भी दायित्व सौंपेगी उस चुनौती के लिए वे तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्य एजेंडे पर चर्चा खत्म होते ही एंटनी ने राहुल को अध्यक्ष बनाने की बात उठाई।

उनका कहना था कि अब राहुल को नेतृत्व देने में देरी नहीं की जानी चाहिए। एंटनी के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने इसका समर्थन किया। इसके बाद तो गुलाम नबी आजाद, जर्नादन द्विवेदी और बीके हरिप्रसाद समेत पूरी कार्यसमिति ने इस पर हामी भर दी।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी कहा कि राहुल के लिए कांग्रेस का नेतृत्व संभालने का यह बिल्कुल मौजू समय है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश चुनाव के एलान से पहले राहुल को अध्यक्ष बना दिया जाएगा। इसके साथ ही पार्टी ने अपना संगठन चुनाव एक साल के लिए और टाल दिया है और इसके लिए चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है।

इस तरह चुने जाएंगे राहुल अध्यक्ष

कांग्रेस के संविधान के अनुसार कार्यसमिति को पार्टी अध्यक्ष चुनने का अधिकार है। कार्यसमिति के सदस्य राहुल को कमान सौंपने का औपचारिक प्रस्ताव लेकर अब सोनिया गांधी के पास जाएंगे। प्रक्रिया के तहत सोनिया पहले अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कार्यसमिति को सौंपेंगी। इसके बाद राहुल को औपचारिक रूप से नया अध्यक्ष चुना जाएगा।

कांग्रेस में सोनिया गांधी का रिकॉर्ड

सोनिया गांधी कांग्रेस के इतिहास में सबसे अधिक समय तक लगातार अध्यक्ष बनने का रिकार्ड बना चुकी हैं। मार्च 1998 में सीताराम केसरी की जगह कांग्रेस अध्यक्ष बनीं सोनिया ने पार्टी को संक्रमण के दौर से निकाल कर दस साल तक सत्ता दिलाई।

मगर 2014 के आम चुनाव में सोनिया की अध्यक्षता में ही कांग्रेस लोकसभा में अपने इतिहास के सबसे कम 44 सीटों पर सिमट गई। 2004 में अमेठी से सांसद बनकर राजनीति में उतरे राहुल 2007 में पार्टी महासचिव बने और फिर जनवरी 2014 में जयपुर कांग्रेस अधिवेशन में उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया।

यूपी में होगी राहुल की सबसे बड़ी परीक्षा

– राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने पर उनके सामने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सबसे बड़ी परीक्षा होगी। साल 2017 की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है।

– राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश से ही 2012 में पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी।

– इसके अलावा 2017 में पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी चुनाव होंगे। 2017 के अंत में गुजरात में चुनाव होना है।

राहुल गांधी के नेतृत्व में इन राज्यों में मिली हार

2012 : उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा, गुजरात

2013 : त्रिपुरा, नगालैंड, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़

2014 : लोकसभा चुनाव, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर

2015 : दिल्ली

2016 : असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु

यहां मिली कांगेस को जीत

2012 : उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर

2013 : कर्नाटक, मिजोरम, मेघालय

2015 : बिहार में गठबंधन जीता

2016 : पुडुचेरी

https://www.sabguru.com/rahul-gandhis-promotion-delayed-sonia-gandhi-remain-congress-president-till-polls-conclude/

https://www.sabguru.com/sonia-gandhi-unwell-rahul-gandhi-chairs-cwc-meeting/