Home Delhi प्याज की कीमतों पर नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं : पासवान

प्याज की कीमतों पर नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं : पासवान

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प्याज की कीमतों पर नियंत्रण हमारे हाथ में नहीं : पासवान
Controlling onion prices not in our hands: Ram Vilas Paswan
Controlling onion prices not in our hands: Ram Vilas Paswan
Controlling onion prices not in our hands: Ram Vilas Paswan

नई दिल्ली। घरेलू बजारों से प्याज की सरकारी खरीद करने के साथ-साथ इसका आयात करने व निर्यात पर रोक लगाने के बावजूद इसकी कीमतों पर नियंत्रण बनाए रखने में केंद्र सरकार ने बुधवार को विवशता जाहिर की।

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि प्याज की पैदावार इस साल कम होने की संभावना है। इसकी वजह उन्होंने प्याज की खेती में कमी बताई है। पासवान ने बताया कि प्याज का रकबा वर्ष 2016-17 के 2.65 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस साल 2017-18 में घटकर 1.90 लाख हेक्टेयर रह गया है।

पत्रकारों से बातचीत में पासवान ने कहा कि हमने कई कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र के नासिक और राजस्थान के अलवर में सरकारी एजेंसियों ने प्याज की खरीद की है। साथ ही, प्याज का आयात भी किया गया है, लेकिन कीमतें कम करना हमारे हाथ में नहीं है।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक प्याज और टमाटर की औसत दरें दिल्ली में 53 रुपये प्रति किलो से 63 रुपए प्रति किलो के बीच दर्ज की गई हैं। खुदरा बाजार में प्याज 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

पासवान ने उम्मीद जताई कि खरीफ की फसल की आवक शुरू होने पर इसकी कीमतों में कमी आ सकती है। पासवान ने प्याज और टमाटर की कीमतों में इजाफे को लेकर बुधवार को कृषि मंत्रालय और खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।

उन्होंने कहा कि देश के एक भाग में कीमतें नीचे चल रही हैं तो दूसरे हिस्से में प्याज ऊंची दरों पर बिक रहा है। पासवान ने कहा कि हम समाधान तलाश रहे हैं कि कैसे उन क्षेत्रों से प्याज दिल्ली मंगाया जाए जहां इसकी कीमतें निचले स्तर पर चल रही हैं।

पिछले दिनों 31 अक्टूबर को पासवान ने प्याज और टमाटर के खुदरा भाव में बढ़ोतरी के लिए जमाखोरों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि नई फसल की आवक शुरू होने पर स्थिति सामान्य हो जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014-15 में प्याज का उत्पादन 189 लाख टन था जोकि 2015-16 में बढ़कर 209 लाख टन और 2016-17 में 217 लाख टन हो गया।

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय की ओर से इस साल प्याज उत्पादन के आंकड़े अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं और इसके जनवरी में प्रकाशित होने की उम्मीद है।

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ को नासिक और अलवर से प्याज की सरकारी खरीद करने को कहा गया है, जहां प्याज की कीमतें 28-32 किलो प्रति किलो चल रही हैं। उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी एजेंसियों ने अब तक लगभग एक हजार टन प्याज की खरीद की है।

मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी धातु और खनिज व्यापार निगम लिमिटेड (एमएमटीसी) को दो हजार टन प्याज का आयात करने को कहा है। हालांकि आयातित प्याज का उपयोग एक महीने बाद ही किया जाएगा क्योंकि प्याज कोल्ड स्टोरेज में मंगाया जाता है और इसे सामान्य ताप पर लाने की जरूरत होती है।

पासवान ने बताया कि प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में बढ़ोतरी से प्याज के निर्यात में कमी आई है।