Home Headlines अस्पृश्यता एवं पर्दाप्रथा कलंक हैं, इसे समाप्त होना चाहिए : घनश्याम तिवाड़ी

अस्पृश्यता एवं पर्दाप्रथा कलंक हैं, इसे समाप्त होना चाहिए : घनश्याम तिवाड़ी

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अस्पृश्यता एवं पर्दाप्रथा कलंक हैं, इसे समाप्त होना चाहिए : घनश्याम तिवाड़ी

ttuiनागौर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि अस्पृश्यता और पर्दा प्रथा हमारी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि कहीं भी शास्त्रों में पर्दा प्रथा और छुआछूत के बारे में नहीं लिखा है।

तिवाड़ी नागौर के भरनावां में किसान केसरी स्व मोहनलालजी पांडिया की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में को संबोधित कर रहे थे। तिवाड़ी ने कहा कि मां बाप की सेवा करनी चाहिए इसके साथ ही बेटियों के विचारों का सम्मान भी करना चाहिए। जब पर्दाप्रथा हमारे धर्मशास्त्रों के सम्मत नहीं है तो उसे समाप्त कर देना चाहिए।

तिवाड़ी ने कहा कि भारत जब सोने की चिड़िया थी तब अंग्रेज लोग आए और भारत को लूट कर चले गए। आजादी के इन 70 सालों में हमारे सैनिकों, वैज्ञानिकों, किसानों और भी बहुत से लोगों ने परिस्थितियों से लड़कर एक बार फिर भारत को सोने की चिड़िया बना दिया लेकिन अब भी भारतीय गरीब ही है।

उन्होंने कहा कि जब तक कॉरपोरेट जगत के पास इकट्ठे सारे धन का विकेंद्रीकरण नहीं होगा तब तक देश में उत्पन्न आर्थिक विषमता की स्थिति खत्म नहीं हो सकती। भारत सरकार कॉरपोरेट जगत को प्रतिवर्ष 60 हजार करोड़ का इंसेंटिव देती है मगर किसानों को दान के रूप में सहायता देती है। ये सब सत्तर साल की इस राजनीति ने हमें दिया।

तिवाड़ी ने कहा कि इस इंसेंटिव की तरह किसानों को भी प्रतिवर्ष 50 हजार करोड़ सब्सिडी के तौर पर दिया जाना चाहिए। तिवाड़ी ने आर्थिक न्याय के युद्ध के लिए युवाओं को तैयार रहने का आह्वान किया।

तिवाड़ी ने उर्जा स्वाधीनता की बात करते हुए कहा कि जब मैं प्रदेश का शिक्षामंत्री था तब मुझे कुछ लोगों ने कहा कि इतने शिक्षक कैसे लगाओगे तब मैंने 1 लाख 18 हजार शिक्षकों को लगाकर दिखा दिया। इसी तरह यदि आप मुझे चार दिन का समय दें तो प्रदेश में किसानों को बिजली मुफ्त भी दे सकता हूं।

उन्होंने कहा कि जिस राज्य में 365 दिन में से 300 दिन सूर्य चमकता है उस राज्य में सौलर एनर्जी का इतना बड़ा काम हो सकता है कि बिजली पैदा कर उससे इनकम भी की जा सकती है। तिवाड़ी ने कहा कि सरकार ने 40 हजार मेगावॉट का बिजली उत्पादन का काम जो अडानी और अंबानी को सौंपा है उसे किसानों को सौंपेगे।

साथ ही नरेगा को भी इस उपक्रम से जोड़ने के बाद किसान के लिए बिजली और मजदूरी दोनों फ्री हो जायेगी। इससे किसान खुशहाल और मजबूत होगा। जब किसान मजबूत होगा तो गांव और देश मजबूत होगा।

प्रदेश के वरिष्ठ नेता व सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सामाजिक समरसता और आर्थिक न्याय के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान आरक्षण को जारी रखते हुए 14 प्रतिशत आरक्षण वंचित वर्ग को भी दिया जाना चाहिए। इसके लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।

हमारा यह आंदोलन किसी भी ओबीसीए एसटी और एससी के आरक्षण के खिलाफ नहीं है। उन्होंने बताया कि वंचित वर्ग में शामिल ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ और वैश्य के गरीब बच्चों को इसका लाभ मिलना चाहिए।

तिवाड़ी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रोताओं से इस आर्थिक न्याय और सामाजिक समरसता को स्थापित करने की लड़ाई में जातिवाद को मिटाकर एक साथ खड़े होने का आह्वान भी किया।