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दिव्यांग लेखक गोविंद सिंह को राष्ट्रीय युगधारा सम्मान 2017

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दिव्यांग लेखक गोविंद सिंह को राष्ट्रीय युगधारा सम्मान 2017
writer Govind Singh honored as National Yugadhara Samman 2017
writer Govind Singh honored as National Yugadhara Samman 2017
writer Govind Singh honored as National Yugadhara Samman 2017

राजसमंद। युगधारा साहित्यक संस्थान उदयपुर की ओर से भागावड (भीम) निवासी लेखक, कवि, चिंतक गोविंद सिंह चौहान को राष्ट्रीय युगधारा सम्मान 2017 प्रदान किया गया।

उन्हें यह सम्मान उनके पैतृक गांव भागावड में युगधारा साहित्य संस्थान के संस्थापक डॉ जय प्रकाश पंडया, अध्यक्ष लाल दास पर्जन्य, किरणबाला जीनगर, डॉ मनोहर श्रीमाली के सान्निध्य तथा रावत-राजपूत महासभा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकिशोर सिंह चौहान के मुख्य आथित्य में दिया गया।

विशिष्ट अतिथि मण्डावर सरपंच प्यारी रावत, मगरा विकास मंच अध्यक्ष जसवन्त सिंह मण्डावर, क्षत्रिय रावत परिषद संस्थापक सतवीर सिंह लगेतखेड़ा, प्रदेश संयोजक राजेन्द्र सिंह रावत नोलखा, पूर्व युवा अध्यक्ष परमेश्वर सिंह सिरमा, डॉ. विक्रमपाल सिंह काछबली, डॉ. शैतान सिंह रावत थे।

दिव्यांग लेखक गोविंद सिंह के साथ उनकी धर्मपत्नी ओमवती कंवर का भी सम्मान किया गया और मेवाड़ी पगड़ी पहनाई, उपरना ओढ़ाया गया। अतिथियों का स्वागत उप निरीक्षक नारायण सिंह, पुलिस उप निरीक्षक रविन्द्र सिंह, एडवोकेट टीकम सिंह, अध्यापक जसवन्त सिंह, कंवरी देवी व ओमवती कंवर ने किया।

समारोह को संबोधित करते हुए युगधारा संस्थान के डॉ जय प्रकाश पंड्या ने गोविंद सिंह के लेखन को अदभुत एवं विवेकशील पूर्ण बताया। गोविंद सिंह दिव्यांग होते हुए लेखन कार्य से जुड़े रहने पर लोगों को आदर्श मानने की बात कही।

writer Govind Singh honored as National Yugadhara Samman 2017

मुख्य अतिथि नंदकिशोर सिंह चौहान ने कहा कि गोविंद सिंह का सम्मान एक लेखक, चिंतक, कवि, शायर का बहुत बड़ा सम्मान है। यह मगरा क्षेत्र एवं रावत समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगा। डॉ वीपी सिंह ने गोविंद सिंह के जीवन परिचय पर प्रकाश डाला। इसके अलावा मंडावर सरपंच प्यारी रावत, चेतन औदीच्य, रावत परिषद के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह रावत, हबीब अनुरागी, ने भी डॉ करुणा दशोरा ने संबोधित किया।

इस अवसर पर राजस्थानी काव्य गोष्ठि का आयोजन भी किया गया। समारोह में मनोहर मधुकर, डॉ मनोहर श्रीमाली, चंदन सिंह खोखावत, अरुण त्रिपाठी, जिपस डाउ सिंह टॉडगढ़, भगवान सिंह सुजावत, बिलाल पठान, संतोष सिंह थुनिथाक, डॉ अनु श्री राठौड़,मूलराज सिंह मण्डावर, प्रताप सिंह बरार, महेंद्र साहू, महेंद्र सिंह बुबानी, बृजराज सिंह, जगावत, डॉ सोहन दास वैष्णव, भेरूलाल, नारायण सिंह काछबली, धर्मेंद्र सिंह लोटियाना, भगवान सिंह राजवा, विक्रम सिंह धोलिया, गोविंद सिंह सुरडिया, रणजीत सिंह मण्डावर, सीताराम सिंह किशनगढ़ , अरविंद सिंह लगैत, रघुवीर सिंह जोधावत गुलाब सिंह चांदावत, सूबेदार मोहन सिंह आदि मौजूद थे। संचालन मगरा विकास मंच के अध्यक्ष जसवंत सिंह मंडावर एवं युगधारा साहित्य संस्थान सचिव किरण बाला जीनगर ने किया। आभार एडवोकेट टीकम सिंह ने व्यक्त किया।

लेखक परिचय

लेखक गोविंद सिंह चौहान की 25 साल पहले सिरोही में एक सड़क दुर्घटना के दौरान चोट से सीने से नीचे का हिस्सा सुन्न हो गया था। इसके बाद वह चल फिर नहीं सके और घर पर बैठे-बैठे लेखन कार्य से जुडे रहें और रावत समाज एवं मगरा क्षेत्र से संबंधित कई पुस्तकों का लेखन किया। वर्तमान में युगधारा साहित्य संस्थान से जुड़े हुए कविता संग्रह हेतु लेखन कर रहे हैं। चौहान लेखक, कवि, शायर चिंतक के रूप में मगरा क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं और युगधारा साहित्य सम्मान 2017 के मिलने पर एकाएक अक्षु धारा प्रवाहित हो गई और सम्मान पाकर अभिभूत हो गए।

इन पुस्तकों का किया लेखन

लेखक गोविंद सिंह चौहान ने 25 साल से पत्राचार व अन्य माध्यमों से विभिन्न समाज क्षेत्र के लोगों से संपर्क कर इतिहास को खंगालने का काम किया और तथ्य संकलन कर रावत राजपूत समाज से संबंधित पुस्तकों का लेखन किया जिसमें रावत राजपूत समाज एक आईना, क्षत्रिय रावत दर्शन, आहिस्ता आहिस्ता कविता संग्रह, खुले पंख, मगरों मर्दों रो, मायड़, फाल्गुनी गीत, ठाकरां आदि पुस्तकों का लेखन किया।