Home World Asia News भूटानी विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा, डोकलाम, बिम्सटेक सहयोग पर हुई चर्चा

भूटानी विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा, डोकलाम, बिम्सटेक सहयोग पर हुई चर्चा

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भूटानी विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा, डोकलाम, बिम्सटेक सहयोग पर हुई चर्चा
Doklam on table as Sushma meets Bhutan counterpart, BIMSTEC cooperation stressed
Doklam on table as Sushma meets Bhutan counterpart, BIMSTEC cooperation stressed
Doklam on table as Sushma meets Bhutan counterpart, BIMSTEC cooperation stressed

काठमांडू। डोकलाम में भारतीय और चीनी सेना के गतिरोध के बीच भारत और भूटान की शुक्रवार को पहली उच्चस्तरीय बैठक हुई। भूटान के विदेश मंत्री दामचो दोर्जी ने यहां भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात यहां बिम्सटेक विदेश मंत्रियों की बैठक से अलग हुई।

सुषमा व दोर्जी की बैठक सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में मुख्य रूप से भारत और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध पर केंद्रित रही। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार दोनों मंत्रियों ने स्थिति पर अपने दृष्टिकोण रखे और रुख दोहराए।

बैठक के बाद दोर्जी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि डोकलाम में जारी मौजूदा गतिरोध का समाधान शांतिपूर्वक हो जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि ‘दोनों पक्षों को परिणाम से संतुष्ट होना चाहिए।

यह बैठक गुरुवार को भूटान की सरकार द्वारा चीन के विदेश मंत्रालय के इस दावे को खारिज किए जाने के बाद हुई कि भूटान ने चीन से कहा था कि डोकलाम में विवादित त्रिपक्षीय स्थल भूटान का भूभाग नहीं है।

चीन के शीर्ष राजनयिक वांग वेनली ने कहा था कि भूटान ने चीन से राजनयिक संपर्को के माध्यम से कहा है कि डोकलाम उसका क्षेत्र नहीं है। भारतीय अधिकारियों ने काठमांडू में इस बैठक के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (उत्तर) सुधाकर दलेला ने सुषमा व दोर्जी की बैठक पर संवाददाताओं से कहा कि दोनों नेताओं ने बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के संदर्भ में बिम्सटेक सहयोग पर चर्चा की। साथ ही भारत और भूटान के बीच के द्विपक्षीय मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आप जानते ही हैं कि भूटान से हमारे विशिष्ट संबंध हैं।

इससे पहले शुक्रवार को ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोऑपरेशन’ (बिम्सटेक) की 15वीं मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि इस क्षेत्रीय समूह के सभी सदस्य देशों ने ‘व्यापारिक तथा गैर-व्यापारिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सर्वागीण दृष्टिकोण’ अपनाया है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय समूह आतंकवाद और हिसक चरमपंथ से निपटने के लिए सामूहिक रूप से रणनीतियों पर काम कर रहा है। सुषमा ने कहा कि शांति और सुरक्षा, विकास की मूलभूत जरूरतें हैं। बिम्सटेक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं।

सुषमा ने इन देशों के बीच पर्यटन सर्किट, विशेषकर बौद्ध सर्किट, विपणन रणनीतियों, बिम्सटेक को ध्यान में रखकर बनाए जाने वाले पर्यटन उत्पाद और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में खास सहयोग पर जोर दिया।

सुषमा ने इस बैठक से इतर श्रीलंका के विदेश राज्य मंत्री वसंता सेनानायके से भी मुलाकात की। यह मुलाकात गुरुवार को भ्रष्टाचार के आरोपों में श्रीलंका के विदेश मंत्री पद से रवि करुणानायके के इस्तीफे के बाद हुई है। जून में करुणानायके के नई दिल्ली दौरे के दौरान सुषमा ने उनके साथ मछुआरों का मुद्दा उठाया था।