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ब्रेक्सिट के बाद अंग्रेजी भाषा पर संकट, ईयू की आधिकारिक भाषा नहीं रहेगी

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ब्रेक्सिट के बाद अंग्रेजी भाषा पर संकट, ईयू की आधिकारिक भाषा नहीं रहेगी
English will not be official EU language after Brexit
English will not be official EU  language after Brexit
English will not be official EU language after Brexit

नई दिल्ली। ब्रेक्सिट (ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर जाने की प्रक्रिया) के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच दूरियां बढ़ने लगीं हैं।

यूरोपीय संसद की संवैधानिक मामलों की समिति ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन के ईयू से पूरी तरह से बाहर जाने के बाद अंग्रेजी भाषा यूरोपीय संघ की आधिकारिक भाषा नहीं रहेगी।

अंग्रेजी ईयू की 24 आधिकारिक भाषाओँ में से एक है। यूरोपीय संसद की समिति ने कहा है कि जब ब्रिटेन पूरी तरह से ईयू से बाहर जायेगा, उसकी भाषा वह स्तर खो देगी।

ब्रिटेन जो यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, इस वर्ष जून में एक जनमत संग्रह के बाद ईयू से बाहर हो गया। ब्रेक्सिट की प्रक्रिया पूरी करने में दो साल लग जायेंगे और उसके बाद ही ब्रिटेन ईयू से औपचारिक तौर पर अलग हो जाएगा।

ब्रेक्सिट के इस घटनाक्रम ने विश्व, विशेषकर यूरोप, को एक नए मोड पर लाकर खड़ा कर दिया है। फलस्वरूप ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमेरॉन ने त्यागपत्र भी दे दिया था।

समिति ने कहा कि यदि हमारे पास ब्रिटेन नहीं है, हमारे पास अंग्रेजी नहीं है, अंग्रेजी यूरीपीय संघ के सदस्य देशों में बोली जाने वाली मुख्य भाषा है। अंग्रेजी भाषा पर रोक के बाद बाकी सदस्य देशों को यूरोपीय संघ की आधिकारिक भाषाओं में लिस्टिंग बदलनी होगी।

भारत में यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ईयू की आधिकारिक भाषाओँ के नियम जो फ्रेंच भाषा में लिखे हैं, कहीं भी उल्लेख नहीं करते कि एक सदस्य देश एक से अधिक आधिकारिक भाषाएं रख सकता है।

इसमें थोड़ा विवाद है। उन्होंने कहा फ्रेंच शब्दों की व्याख्या यदि करें तो यह संभव हो सकता है। परंतु अंग्रेजी संस्करण इसके विपरीत व्याख्या देता है।

जब आयरलैंड और माल्टा ने ईयू की सदस्यता ली, तब अंग्रेजी भाषा पहले ही ईयू की आधिकारिक भाषा थी। उन्होंने कहा इसी कारण अंग्रेजी के अतिरिक्त उनकी अपनी भाषाएं आयरिश और माल्टीज़-भी ईयू की आधिकारिक भाषाओँ में शामिल की जाएं।

ईयू में नियम है कि यदि किसी सदस्य देश में एक से अधिक आधिकारिक भाषाएं हैं, जो उस देश के अनुरोध पर वह भाषा भी ईयू के नियमों के तहत प्रयोग में लाई जा सकती हैं।

सूत्रों ने कहा यूरोपीय आयोग (यूरोपियन कमीशन) ने फ्रेंच और जर्मन भांषाओं का प्रयोग करना शुरू किया है ताकि अंग्रेजी भाषा के बाहर जाने के बाद उन्हें कोई कठिनाई ना हो।

एक नए घटनाक्रम में इटली ने भी इटैलियन भाषा को ईयू की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।