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स्वतंत्रता दिवस समारोह में इनसे परेशान रहे बच्चे और तीरंदाज

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स्वतंत्रता दिवस समारोह में इनसे परेशान रहे बच्चे और तीरंदाज
school students presenting drill in arvind pavalioan in sirohi
school students presenting drill in arvind pavalioan in sirohi

सबगुरु न्यूज-सिरोही। अरविंद पेवेलियन में मंगलवार को हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य आयोजन में उद्घोषकों ने व्यायाम प्रदर्शन कर रहे 1325 बच्चों और एक दर्जन तीरंदादाजों को काफी परेशान किये रखा। बाद में इस बात की शिकायत शारीरिक शिक्षकों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी की।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में कार्यक्रमों की घोषणा के लिए उद्घोषक बैठाए जाते हैं। ये कार्यक्रम की जानकारी और कार्यक्रम से पूर्व संक्षिप्त जानकारी देते हैं। लेकिन मंगलवार को उद्घोषकों ने इसे स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय कार्यक्रम की बजाय एक भजन संध्या की तरह ज्यादा ट्रीट किया।

उद्घोषन की अज्ञानता की स्थिति ये थी कि जहां पीटी के दौरान सम्पूर्ण स्टेप ड्रम की बीट पर निर्धारित थी, उस दौरान भी ये उद्घोषक लगातार बोलते रहे। इससे बच्चों को ड्रम बीट्स ढंग से सुनाई नही दी और उनकी ले के जगह बिगड़ी भी। इतना ही नहीं एडीएम को बाद में शारीरिक शिक्षकों ने बताया कि लगातार उद्घोषणा के कारण तीरंदाजों का भी ध्यान भटका।

उन्होंने बताया कि उन लोगों ने कई बार उद्घोषकों को पिटी के दौरान उद्घोषणा बंद करने को कहा भी, लेकिन वे अनवरत जारी रहे। एक कमी ये भी रही कि ड्रम के पास कोई माइक नही दिया गया। माइक होता तो स्पीकर से बीट्स पीटी कर रहे बच्चों को सुनाई दे जाती।

tiranga yatra in arvind pavalion on independence day function in sirohi

-दो नए कार्यक्रम रोचक, लेकिन पुराने से मुक्ति नहीं
इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में दो नए और रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इसको लोगों ने सराहा भी। सिरोही के बाइकर्स के द्वारा ट्राफिक नियमों की जानकारी देने वाली तिरंगा रैली और सांतपुर खेल छात्रावास के छात्रों के द्वारा तीरंदाजी का प्रदर्शन। इसे लोगों ने सराहा भी, लेकिन इस बार भी अरविंद पेवेलियन में स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति से ओतप्रोत गाने या ऐसे गानों पर नृत्य नहीं दिखा।

हर बार की तरह बालिकाओं को स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति के जज्बे से भरपूर नृत्य देखने की बजाय सांस्कृतिक कार्यक्रम की तरह राजस्थानी गाने पर लम्बा नृत्य ही देखने को मिला। हर बार एक ही तरह का नृत्य कार्यक्रम चयन पर भी सवालिया निशान लगाती है। वैसे एडीएम जवाहर चैधरी ने सबगुरु न्यूज को बताया कि इस बार भी सांस्कृतिक नृत्य की जगह देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य पेश करने की बात कही थी, लेकिन समयाभाव और बच्चों की तैयारियों को देखते हुए इसे शामिल कर लिया था। अगली बार से देशभक्ति पूर्ण गीतों पर नृत्य प्रस्तुत करने को कहा है।

अब इस तरह के कार्यक्रमों को हटाकर नृत्य और गीत में भी नवाचार और क्रियेटिव किये जाने की जरूरत नजर आ रही है। जबकि नृतय प्रतिभा की धनी यही बालिकाएं देशभक्ति से भरपूर राजस्थानी गीतों पर मैदान में खडे लोगों की रगों में देशभक्ति का जज्बा दौडा सकती हैं। बशर्ते की कमेटी और डायरेक्टर्स में कुछ नवाचार का जज्बा हो।