Home Latest news निजी हॉस्पिटल में लगी आग, बच्चों की सांस सांसत में आई

निजी हॉस्पिटल में लगी आग, बच्चों की सांस सांसत में आई

0
निजी हॉस्पिटल में लगी आग, बच्चों की सांस सांसत में आई
fire at Jivanta Children's Hospital udaipur
fire at Jivanta Children's Hospital udaipur
fire at Jivanta Children’s Hospital udaipur

उदयपुर। शहर के हिरणमगरी क्षेत्र में स्थित जीवंता चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बुधवार को शार्ट सर्किट के चलते दूसरी और तीसरी मंजिल की दीवारों से होकर जा रही विद्युत लाईनों और ऑक्सीजन पाइप में आग लग गई।

आग लगने से उठे धुएं से हॉस्पिटल में चारों तरफ धुआं ही धुआं फैल गया और करीब 10 से 15 नवजात बच्चों की जान सांसत में आ गई। घटना के बाद तत्काल दमकल ने मौके पर जाकर कार्बन डाई ऑक्साइड और आग बुझाने के लिए काम में आने वाले पाउडर से आग पर काबू पाया। इस दौरान बच्चों की हालत खराब बनी रही और बाद में बड़ी मशक्कत से बच्चों को अन्य हॉस्पिटल में भेजा गया। वहीं बच्चों के परिजन भी काफी देर तक परेशान होते रहे।

सूत्रों के अनुसार सेक्टर 5 स्थित जीवंता चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बुधवार सुबह साढ़े सात बजे शार्ट सर्किट हो गया। शार्ट सर्किट से चिकित्सालय की दूसरी और तीसरी मंजिल में दीवारों से होकर गुजर रही विद्युत लाईनों में आग लग गई। दीवारों में विद्युत लाईन के आगे लकड़ी की दीवार बना रखी थी। इसी कारण जैसे ही दीवार से सटकर जा रही विद्युत लाईन में आग लगी तो लकड़ी की प्लाई ने भी आग पकड़ ली।

इसके साथ ही इनके पास से होकर जा रही ऑक्सीजन पाईप ने भी आग पकड़ ली। मात्र कुछ ही देर में दूसरी और तिसरी मंजिल पर शार्ट सर्किट से विद्युत लाईने जलने और विद्युत लाईनों के साथ-साथ लकड़ी की दीवारों के भी जलने के कारण चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया। इस चिकित्सालय में करीब 10 से 15 नवजात शिशु भर्ती थे।

शार्ट सर्किट से आग लगने के बाद उठे धुएं से इन शिशुओं की हालत खराब होने लगी थी। सुबह-सुबह अधिकांश बच्चों के परिजन सो रहे थे। जब धुएं के कारण हालत खराब हुई तो पहले तो किसी को कुछ भी समझ में नहीं आया और बाद में जब बाहर जाकर धुआं ही धुआं देखा तो सभी के होंश उड़ गए। इसी दौरान चिकित्सालय प्रशासन ने दमकल को सूचना दी। जिससे मौके पर दो दमकलेें एक साथ गई।

विद्युत लाईनों के साथ-साथ लकड़ी की दीवारें भी जलने के कारण तत्काल दमकलकर्मियों ने चिकित्सालय के स्टाफ के साथ मिलकर कार्बन डाई ऑक्साईड की सहायता से आग पर काबू पाने का काम शुरू कर दिया। इसके लिए लकड़ी के पाटियों को काटना पड़ा और जल रही विद्युत लाईनों को बाहर निकालकर कार्बन डाई ऑक्साईड की सहायता से आग पर काबू पाने का काम किया। इस दौरान चिकित्सालय का स्टॉफ भी आग बुझाने के पाउडर से आग पर काबू पाने का काम कर रहा था।

इधर, चिकित्सालय प्रशासन ने चिकित्सालय में भर्ती नवजात बच्चों के परिजनों की सहायता से हालत खराब हो रहे बच्चों को सावधानी से बाहर निकाला और एक निजी चिकित्सालय में ले जाया गया। जहां पर सभी बच्चों को आईसीयू में भर्ती करवाकर बच्चों की देखभाल शुरू की गई। हालांकि धुएं के कारण कुछ देर तक ही बच्चों की स्थिति खराब रही थी, बाद में सही हो गई थी।

इधर, जीवंता चिकित्सालय में चिकित्सालय के कर्मचारियों और दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया और इसके बाद चिकित्सालय के निदेशक सुनील जांगिड़ ने सभी दमकलकर्मियों को आधे घंटे तक ओर रोके रखा। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें जाने दिया गया।
शुक्र है मासूमों की जान बच गई: चिकित्सालय में शार्ट सर्किट से आग लगते ही चारों तरफ धुआं ही धुआं हो गया और आईसीयू में भी धुआं चला गया था। जिससे नवजात बच्चों की हालत खराब होने लगी थी। समय पर चिकित्सालय प्रशासन को पता चलने और तत्काल कार्यवाही होने के कारण बच्चों को नुकसान नहीं हुआ।

हजारों का नुकसान

शार्ट सर्किट के कारण चिकित्सालय में विद्युत लाईन पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गई, पैनल भी जलकर नष्ट हो गया। इसके साथ ही दीवार के पास बनाई लकड़ी की दीवार भी जल गई। ऑक्सीजन लाईन को भी नुकसान हो गया। इस आग के कारण हजारों का नुकसान हुआ है।