Home Rajasthan Jaipur वन विभाग के बकाया 17 करोड, अब माउण्ट आबू सनसेट में प्रवेश का देना होगा शुल्क

वन विभाग के बकाया 17 करोड, अब माउण्ट आबू सनसेट में प्रवेश का देना होगा शुल्क

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वन विभाग के बकाया 17 करोड, अब  माउण्ट आबू सनसेट में प्रवेश का देना होगा शुल्क
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सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। माउण्ट आबू टोल नाके पर टोल के रूप में आने वाली वन विभाग के हिस्से की अमानत राशि के ब्याज समेत 17 करोड रुपये नगर पालिका की ओर से नहीं देने के बाद वन विभाग ने अपना राजस्व खुद अर्जित करने का निर्णय किया है।

माउण्ट आबू के वन क्षेत्र में स्थित सनसेट प्वाइंट पर आज ही से वन विभाग प्रवेश शुल्क शुरू कर देगा। इसके लिए सनसेट मार्ग पर वन विभाग की पारिस्थितिकी विकास समिति की ओर से बाकायदा सनसेट रोड पर शुल्क का बोर्ड लगा दिया गया है।
-नगर पालिका की तरह वन विभाग को भी अधिकार
नगर पालिका ने जिस तरह नगर पालिका अधिनिमय 2009 के तहत अपनी निजी आय बढाने के लिए गत वर्ष माउण्ट आबू में प्रवेश करने वाले यात्रियों के कर की बजाय वाहनों पर टोल वसूलना शुरू किया था उसी तरह वाईल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 की धारा 28-ए के तहत वन विभाग को भी अपनी निजी आय के लिए वन पर्यटन के लिए शुल्क वसूलने का अधिकार दिया हुआ है।

माउण्ट आबू में पर्यटकों पर यह शुल्क नहीं लगे इसके लिए राज्य सरकार ने २००२ में आबू पर्यावरण समिति का गठन करके माउण्ट आबू में नगर पालिका यात्री कर बढाने का निर्णय किया था और नगर पालिका के यात्री कर नाके से प्राप्त राशि में से तीस प्रतिशत सालाना हिस्सेदारी वन विभाग के लिए तय की थी, लेकिन पिछले करीब १४ सालों से यह राशि वन विभाग को कभी पूरी नहीं दी गई। वन विभाग ने वन क्षेत्र के विकास के लिए सनसेट रोड पर प्रवेश के लिए शुल्क लगा दिया है।
-पैसा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं
वन विभाग के अधिकारों को कोई भी अतिक्रमित  नहीं कर सकता न ही इससे कोई राहत मिल पाएगी। खुद नगर पालिका के अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के उदयपुर प्रवास के दौरान ज्ञापन देकर वन विभाग की ओर से शुल्क वसूली रोकने का आग्रह किया था।

इसका जवाब वन विभाग के पास आया था, लेकिन माउण्ट आबू उपवन संरक्षक केजी श्रीवास्तव की ओर से वन विभाग के हिस्से की राशि नगर पालिका के द्वारा नहीं देने पर वन विकास के लिए वन अधिनियम के तहत इस राशि की वसूली का आवश्यकता बताई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने भी इसकी अनुमति दे दी। वन विभाग अब नगर पालिका की ओर से वसूली गई उसके हिस्से की राशि लौटाने पर ही इसमें राहत देने को तैयार है।
-यह स्थिति रही बकाया की
वर्ष                                       बकाया राशि
2001-02                       32,19,286
02-03                          16,69,266
03-04                          20,28,124
04-05                          10,33,925
05-06                          46,55,130
06-07                          49,24,752

07-08                          37,50,543
08-09                          38,79,045
09-10                          63,57,224
10-11                          61,33,857
11-12                          62,45,633

12-13                         37,26,140
13-14                         32,33,048
14-15                         82,53,587
15-16                         77,89,374
16-17 (नव 2016 तक)      62,95,374
कुल शेष राशि                   4,74,79,905
18 प्रतिशत ब्याज            12,25,28,657
कुल बकाया                   17,00,08,532

-छह साल एक पैसा नहीं दिया
पिछले सोलह सालों में छह साल ऐसे भी आए जिसमें नगर पालिका ने वन विभाग को यात्री कर नाके में वसूली गई राशि का 30 प्रतिशत हिस्सा उसे नहीं दिया। 2005-06, 06-07, 09-10, 10-11, 14-15 व 15-16 में वन विभाग को नगर पालिका के टोल नाके पर वसूली गई राशि में से एक रुपया भी नहीं दिया गया।

शेष वर्षों में कुल हिस्सा राशि में से कुछ न कुछ नगर पालिका ने बकाया ही रखा। परिणामस्वरूप यह बकाया नवम्बर 16-17 तक बढकर 4 करोड 74 लाख 79 हजार 905 रुपये हो गई। इस राशि पर 18 प्रतिशत ब्याज के साथ यह बढकर 17 करोड 8 हजार 532 हो गई।
-राज्य सरकार के आदेशानुसार सनसेट में जाने की यह दरें निर्धारित
राज्य सरकार की ओर से वन क्षेत्र में जाने के लिए 3 मार्च 2015 के नोटिफिकेशन के अनुसार सेंचुरी क्षेत्र के लिए निर्धारित दरें अब माउण्ट आबू के वन क्षेत्र में स्थित सनसेट प्वाइंट पर जाने के लिए प्रवेश शुल्क के रूप में देनी होगी। इसके अनुसार भारतीय पर्यटक से 50 रुपये, भारतीय विद्यार्थी से 20 रुपये, विदेशी पर्यटक से 200 रुपये, कैमरे का उपयोग करने के लिए 600 रुपये तथा घोडे वालों से प्रति घोडा 50 रुपये शुल्क वसूला जाएगा। यहां पर शनिवार से नाका शुरू कर दिए जाने की संभावना है।
-इनका कहना है….
वन क्षेत्र के विकास के लिए भी पैसों की जरूरत होती है। नगर पालिका के यात्री कर नाके में वसूली जाने वाली राशि में वन विभाग का तीस प्रतिशत हिस्सा है, जिसमें से पौने पांच करोड और ब्याज समेत करीब 17 करोड रुपये बकाया। इसलिए वन क्षेत्र के विकास के लिए नगर पालिका की ओर से 17 करोड रुपये दिए जाने तक यह शुल्क लिया जाना जरूरी हो गया है। नगर पालिका वन विभाग के हिस्से की राशि मय ब्याज दिए जाने तक यह प्रवेश शुल्क जारी रहेगा।
केजी श्रीवास्तव
उप वन सरंक्षक
माउण्ट आबू सेंचुरी।