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यूएन के बाहर आजाद बलोचिस्तान समर्थक करेंगे प्रदर्शन

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यूएन के बाहर आजाद बलोचिस्तान समर्थक करेंगे प्रदर्शन
free balochistan movement to organise a protest at UN headquarters in new york
free balochistan movement to organise a protest at UN headquarters in new york
free balochistan movement to organise a protest at UN headquarters in new york

लन्दन। फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट (FBM) नें घोषणा है की वे न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा कार्यालय के बाहर एक प्रदर्शन का आयोजन करने जा रहे हैं जो संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें साधारण सभा की बैठक के दौरान आयोजित किया जाएगा।

यह प्रदर्शन पाकिस्तान द्वारा आम बलोच नागरिकों पर अत्याचार और पाकिस्तान द्वारा बलोचिस्तान पर अवैध कब्जे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा और विश्व का ध्यान दिलाने के लिए किया जा रहा है।

एफबीएम फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट की जारी एक प्रेस विज्ञप्ति जो की लन्दन से जारी की गई है उसके अनुसार कब्जाधारी पाकिस्तान बलोच नागरिकों पर भारी संख्या में मानवाधिकार उल्लंघन और बिना किसी क़ानूनी प्रक्रिया के आम बलोच नागरिकों को गिरफ्तारी और उनकी हत्याओं में लगा है जब से पाकिस्तान नें 1948 में बलोचिस्तान पर आक्रमण करके उस पर कब्जा किया है।

पाकिस्तान नें बलोच नागरिकों के जीवन को नर्क बना रखा है जिसमें जमीनी हमले के आलावा पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई हमले भी बेकसूर नागरिकों पर शामिल है और कई नागरिक आज भी लापता हैं।

एफबीएम फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट की विज्ञप्ति के अनुसार पाकिस्तानी सुरक्षा बलों में करीब 5000 बेकसूर लोगों को गिरफ्तार करके पूछताछ के दौरान ही मारकर उनकी “कील एन्ड डम्प पॉलिसी” के तहत मारकर अज्ञात स्थानों पर उनके शव फेंक दिए हैं और करीब 20,000 हजार बलोच नागरिक आज भी अनजान जेलों में सुरक्षा बलों की यातनाओ को झेल रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों नें पूर्व में कोसोवो,ईस्ट तिमोर,और दक्षिणी सूडान के नागरिकों की रक्षा की है वे भी उसी तरह की अत्याचार को झेल रहे थे जैसे की हम आज अत्याचार का सामना कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस उद्धेश्य के साथ की गई थी की ताकतवर और बड़े राष्ट्र छोटे राष्ट्रों की सीमां और उनके आजादी का उल्लंघन ना कर सकें।

पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता सितम्बर 1947 में मिली और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और मानवाधिकार का उल्लंघन इसके कुछ ही महीनों के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए मार्च 1948 में बलोचिस्तान पर आक्रमण करके कब्ज़ा कर लिया और इस दौरान संयुक्त राष्ट्र तटस्थ रहा पाकिस्तानी आक्रमण और हत्याओं पर जबकि यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेवारी थी की वह अपने सदस्य से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और सिद्धांतों के उल्लंघन के बारे में सवाल पूछे।

फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आगामी 13 सितम्बर 2016 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के न्यूयॉर्क कार्यालय के बात महासभा की 71वीं महासभा की बैठक होने वाली है जिसमें विश्व भर से सारे सदस्य राष्ट्र उपस्थित होंगे उस समय कार्यालय के सामने बलोच मुद्दे पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है।

इस प्रदर्शन का उद्धेश्य सम्पूर्ण विश्व समुदाय/विश्व मानवाधिकार संगठन और विश्व प्रेस और जनता के सामने बलोचिस्तान आजादी के संघर्ष को प्रस्तुत करना और विश्व समुदाय के सामने हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार को प्रस्तुत करना और इसके समर्थन में विश्व जनमत एकत्र करना है।

इस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट सारे बलोच आंदोलन समर्थक और विश्व के समस्त मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से आग्रह करता है की वे इस प्रदर्शन में हमारे साथ आएं और पाकिस्तान के अत्याचार और जो दुःख तकलीफ बलोच नागरिक सह रहे रहें उसकी तरफ विश्व का ध्यान आकृष्ट कराने में हमारी मदद करें।

आगामी 9 जुलाई 2016 बलोचिस्तान स्वतन्त्रता संग्राम के नेता हायबर मरी एक अंतरराष्ट्रीय जागरूकता अभियान की भी शुरुआत करेंगे जो की फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट के द्वारा होगा जिसमें बलोच नागरिकों की दुर्दशा और संघर्ष को विश्व के सामने लाया जाएगा जिसके तहत प्रथम चरण में जर्मनी के डसलडर्फ नगर से बर्लिन तक की पैदल यात्रा का आयोजन किया गया था जो की एक सफल अभियान रहा है।