Home Andhra Pradesh महिलाओं के लिए काफी कुछ करना बाकी : इवांका ट्रंप

महिलाओं के लिए काफी कुछ करना बाकी : इवांका ट्रंप

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महिलाओं के लिए काफी कुछ करना बाकी : इवांका ट्रंप
GES 2017 : Ivanka Trump to speak thrice during GES-2017 in Hyderabad
GES 2017 : Ivanka Trump to speak thrice during GES-2017 in Hyderabad

हैदराबाद। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि कई विकासशील देशों में महिलाओं के लिए न्यायसंगत कानून बनाने की दिशा में काफी कुछ किया गया है, लेकिन अभी काफी कुछ करना बाकी है।

वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए इवांका ने कहा कि बात जब न्यायसंगत कानूनों की आती है तो कई विकसित और विकासशील देशों ने जबरदस्त प्रगति की है, लेकिन अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है।

उन्होंने कहा कि कुछ देशों में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता, अकेले सफर करने नहीं दिया जाता, या बिना अपने पतियों के सहमति से काम करने नहीं दिया जाता। वहीं, कुछ अन्य देशों में सांस्कृतिक और पारिवारिक दवाब इतना ज्यादा होता है कि महिलाओं को घर से बाहर जाकर काम करने की आजादी नहीं मिलती।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रशासन दुनिया भर में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, इसे हमारे घरेलू सुधारों और अंतर्राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब कोई महिला काम करती है, तो यह ‘गुणक प्रभाव’ पैदा करता है और परिवार और समाज में और अधिक पुनर्निवेश करता है।

उन्होंने कहा कि जब महिलाएं काम करती हैं, तो इससे विशिष्ट गुणक प्रभाव पैदा होता है। महिलाओं द्वारा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को नौकरी देने की संभावना अधिक होती है, और उन्हें पूंजी, परामर्श और नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करती है। महिलाओं द्वारा अपने परिवारों और समुदायों में अपनी आय को फिर से निवेश करने की संभावना अधिक होती है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात के लिए सराहना की कि उनका मानना है कि महिलाओं के सशक्तीकरण के बिना मानवता की प्रगति अधूरी है।

उन्होंने कहा कि यह बात मान लें कि यदि भारत श्रम शक्ति में लिंगभेद को आधा भी कम कर देता है तो आपकी अर्थव्यवस्था अगले तीन सालों में 150 अरब डॉलर से अधिक बढ़ेगी।

इवांका ट्रंप ने कई महिला उद्यमियों की कहानियां सुनाई, जिन्होंने जीवन में बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया। इनमें बेंगलुरू की राजलक्ष्मी बोरठाकुर भी हैं, जिन्होंने एक स्मार्ट दस्ताने का आविष्कार किया है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर के विभिन्न रोगों और विकारों का अनुमान लगाता है, प्रबंधन करता है और पहचान करता है।

बोरठाकुर ने इस दस्ताने का आविष्कार तब किया था, जब उनके युवा बेटे को कम उम्र में ही मिरगी के दौरे आने शुरू हो गए थे। अब उनकी कंपनी टेरा ब्लू का लक्ष्य भारत के सबसे दूरदराज के स्थानों में विशेष स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाना है।

उन्होंने सैन फ्रांसिस्को की डारा डोट्ज की कहानी भी सुनाई, जो फील्ड रेडी की सहसंस्थापक हैं। यह कंपनी 3-डी प्रिंटिंग के माध्यम से जीवन रक्षक चीजों की आपूर्ति करती है और उन्होंने अजरबैजान के 15 वर्षीया रेहान की कहानी सुनाई, जिनकी कंपनी वर्षा के जल से ऊर्जा पैदा करती है।

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