Home Headlines बोरवेल में गिरी नेहा का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

बोरवेल में गिरी नेहा का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

0
बोरवेल में गिरी नेहा का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार
girl who fell into borewell in jodhpur, dies
girl who fell into borewell in jodhpur, dies
girl who fell into borewell in jodhpur, dies

जोधपुर। निकटवर्ती तिंवरी क स्बे के बिंजवाडिय़ां गांव में बोरवेल में गिरने से काल का शिकार बनी नेहा का शनिवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया।

गांव में और दूरदराज तक नेहा के बारे में ही चर्चा बनी रही। नेहा के लिए गांव की हर आंख में आंसू नजर आए। परिजन के आग्रह पर शव भी बिना पोस्टमार्टम सौंप दिया गया।

वहीं सिविल डिफेंस वॉलिंटियर रमेश सोनी (35) भी रेस्क्यू ऑपरेशन में बिंजवाडिय़ा गए थे।शुक्रवार को तबीयत बिगडऩे उनकी मौत हो गई, परिजन ने देर रात ही उसकी आंखें डोनेट कर दी। मगर शव का पोस्टमार्टम करवाया गया।

जोधपुर के निकटवर्ती बींजवाडिय़ा गांव के फार्म हाउस में खुले पड़े सात सौ फीट गहरे बोरवेल में गिरने से जान गंवाने वाली दो साल की नेहा का शव शनिवार को बिना पोस्टमार्टम परिजनों को सौंप दिया गया। उसका शव शुक्रवार को करीब सत्रह घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया था।

बींजवाडिय़ा गांव निवासी फूसाराम सांखला का बोरवेल गुरुवार को खराब हो गया था, जिसकी देर शाम मरम्मत की गई थी। उसका पंप बाहर निकाल दिया गया था जिसे शुक्रवार को वापस डालना था। मरम्मत के कारण बोरवेल खुला पड़ा था। उसे मात्र बोरी से ढंका हुआ था।

शुक्रवार को सुबह करीब साढ़े सात बजे फूसाराम की दोहिती सूरसागर थानान्तर्गत रूपावतों का बेरा निवासी नेहा (2) पुत्री विजय सिंह गहलोत अन्य बच्चों के साथ घर के अहाते में खेल रही थी। खेलते-खेलते वह बोरवेल के पास पहुंची।

वह बोरी से ढंके बोरवेल पर बैठ गई और वह बोरी सहित बोरवेल में जा गिरी। घरवालों ने उसे बाहर निकालने के जतन किए लेकिन असफल रहे। बाद में पुलिस, सेना व प्रशासन की टीमों ने संयुक्त प्रयास कर रात्रि करीब ग्यारह बजे बच्ची का शव बाहर निकाला।

शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया था जहां परिजनों के आग्रह पर उसे बिना पोस्टमार्टम सौंप दिया गया।

वॉलिंटियर के नेत्रदान

भीतरी शहर के चांदपोल क्षेत्र में रहने वाले सिविल डिफेंस वॉलिंटियर रमेश सोनी (35) भी रेस्क्यू ऑपरेशन में बिंजवाडिय़ा गए थे। वहां शुक्रवार दोपहर में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई।

इस पर उन्हें एंबुलेंस में पहले मथानिया अस्पताल ले जाया गया। वहां से डॉक्टरों ने उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। परिजनों ने उनके नेत्रदान किए।