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सरकार और बालीवुड के बीच बढ़ती करीबी

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सरकार और बालीवुड के बीच बढ़ती करीबी
government and Bollywood relationship : amitabh bachchan to promote GST
government and Bollywood relationship : amitabh bachchan to promote GST
government and Bollywood relationship : amitabh bachchan to promote GST

नई दिल्ली। बॉलीवुड और सरकार के बीच करीबी बढ़ती जा रही है। सरकारी विज्ञापन में फिल्मी हस्तियां नजर आ रही हैं। जहां एक वीडियो में वस्तु एवं सेवा कर को लेकर महानायक अमिताभ बच्चन ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की पैरवी करते नजर आ रहे हैं, वहीं अभिनेता अक्षय कुमार अपनी नई फिल्म ‘टॉयलेट : एक प्रेम कथा’ के जरिए स्वच्छ भारत अभियान में योगदान दे रहे हैं।

ऐसा लगता है कि बॉलीवुड सत्ताधारी पार्टी के करीब रहने की कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के मशहूर चेहरे अमिताभ बच्चन और कांग्रेस के बीच के रिश्ते से कोई भी अंजान नहीं है। अभिनेता गांधी परिवार के करीबियों में शुमार रह चुके हैं। अब वह भाजपा द्वारा लाए गए और एक जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी के ब्रांड एंबेसडर बनाए गए हैं।

वैसे इसमें हैरान होने की बात नहीं है, क्योंकि अमिताभ कुछ समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते लोगों में से एक हैं। गुजरात पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अमिताभ के प्रचार ‘खूशबू गुजरात की’ को भला कौन भूल सकता है।

अमिताभ 1984 में कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव लड़ चुके हैं और सांसद रह चुके हैं, लेकिन बोफोर्स घोटाले में नाम आने के बाद राजनीति से उनका मन उचट गया।

राजनीतिक गलियारा उन्हें नहीं भाया, लेकिन यह बात उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की सरकार के सत्ता में होने के दौरान यूनीसेफ ने अभिनेता को भारत में पोलियो उन्मूलन के सद्भावना दूत बनाया था और उनकी पहल काम आई और 2014 में भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो मुक्त करार दे दिया।

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली दोनों यह अच्छी तरह जानते हैं कि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है और उनके पास जीएसटी को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा भी नहीं है, इसलिए अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कालकार का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि वह असफल साबित हों और उन्हें आलोचना का सामना करना पड़े।

जहां तक प्रचार की बात है, तो अमिताभ बच्चन पार्टियों के लिए खुशकिस्मत साबित हुए हैं।अमिताभ (74) ने जीएसटी के प्रचार से जुड़ने के संबंध में ट्वीट किया था कि मुझसे कहा गया..मैंने इसे किया। वह स्वच्छ भारत अभियान और इसी के तहत हालिया ‘दरवाजा बंद’ अभियान का प्रचार करते देखे जा रहे हैं।

जहां तक अक्षय की बात है तो वह अपनी फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ के जरिए स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देते नजर आ रहे हैं। पिछले महीने अक्षय अपनी इस फिल्म के बारे में बात करने के लिए मोदी से भी मिले थे।

उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया था कि स्वच्छ भारत अभियान में मेरा छोटा-सा योगदान..’टॉयलेट एक प्रेम कथा’। मोदी ने अभिनेता की तारीफ करते हुए कहा था कि स्वच्छता के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा प्रयास।

अक्षय को फिल्म ‘रुस्तम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें मिले इस पुरस्कार को भाजपा के करीब आने का फल माना जा रहा है।

इस कड़ी में फिल्मकार मधुर भंडारकर भी जुड़ गए हैं, जो कांग्रेस सरकार के शासनकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल पर फिल्म ‘इंदु सरकार’ लेकर आ रहे हैं। यह फिल्म कहीं न कहीं कांग्रेस सरकार की बखिया उधेड़ने का काम करेगी।

यहां तक कि सरकार समर्थित केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा दिया है कि भंडारकर को कांग्रेस या गांधी परिवार से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी फिल्म के ट्रेलर में वास्तविक जीवन के किसी नेता का नाम नहीं लिया गया है।

अभिनेता अनुपम खेर की भाजपा के साथ नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। उनकी पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से भाजपा सांसद हैं।

अनुपम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारु की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ पर आधारित फिल्म में मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आएंगे। पूर्व प्रधानमंत्री की छवि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के वफादारों और उनकी हां में हां मिलाने वाले शख्स के रूप में है।

अनुपम ने मनमोहन सिंह की भूमिका निभाने के बारे में पूछे जाने पर हाल ही में कहा था कि इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभिनेता ने हालांकि एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह कोई मूक फिल्म नहीं होगी।

इस मामले में अभिनेता ऋषि कपूर भी पीछे नहीं हैं। उन्होंेने पिछले साल अधिकांश सड़कों, रेलवे स्टेशनों, हवाईअड्डों के नाम नेहरू और गांधी परिवार के नाम पर रखे जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी की आलोचना की थी। जिस पर कांग्रेस ने कहा था कि लोग सत्ताधारी भाजपा के करीब आने के लिए गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं।

परेश रावल, शत्रुघ्न सिन्हा और हेमा मालिनी की भाजपा से करीबी जगजाहिर है। इन कलाकारों का कहना है कि फिल्में समाज का दर्पण होती हैं और बॉलीवुड इसके जरिए सरकार की पहल को बढ़ावा देने का काम कर रहा है।