Home Business मंत्रिमंडल ने बैंकों के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी

मंत्रिमंडल ने बैंकों के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी

0
मंत्रिमंडल ने बैंकों के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दी
government grants in principle approval to PSU bank mergers
government grants in principle approval to PSU bank mergers
government grants in principle approval to PSU bank mergers

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों का बहुत सारा कर्ज फंसे होने के संदर्भ में केंद्रीय मंत्रालय ने बुधवार को कुछ सरकारी बैंकों के विलय को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी प्रदान कर दी है।

जेटली ने यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अल्टरनेटिव मैकेनिज्म के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के विलय को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।

इस निर्णय से राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय के फलस्वरूप सशक्त और प्रतिस्पर्धी बैंकों के निर्माण में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि बैंकों को मजबूत और प्रतिस्पर्धी बनाने के संबंध में यह निर्णय मुख्य रूप से वाणिज्यिक² दृष्टि को ध्यान में रखकर किया गया है। लेकिन ऐसा प्रस्ताव बैंकों के बोडरें से रखा जाना जरूरी होगा।

जेटली ने बताया कि विलय की योजनाओं को तैयार करने के लिए बैंकों से प्राप्त प्रस्तावों के सैद्धांतिक रूप से अनुमोदन के लिए प्रस्तावों को अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एएम) के समक्ष रखा जाएगा।

सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद बैंक कानून और सेबी की अपेक्षाओं के अनुसार कदम उठाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श करके अंतिम योजना को अधिसूचित किया जाएगा।

साल 1991 में यह सुझाव दिया गया था कि भारत में कुछेक मगर मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक होने चाहिए। हालांकि साल 2016 के मई से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की प्रभावी कार्यवाही शुरू हुई और छह बैंकों के भारतीय स्टेट बैंक में विलय की घोषणा की गई। यह विलय स्टेट बैंक ऑफ इंदौर एवं सौराष्ट्र के पूर्ववर्ती विलय की तुलना में रिकॉर्ड समय में पूरा हो गया था।

भारतीय स्टेट बैंक अब करीब 24000 शाखाओं, 59000 एटीएम, 6 लाख पीओएस मशीनों तथा 50000 से ज्यादा बिजनेस कॉरपोडेंटेंड वाला अकेला बैंक है जो दूर-सुदूर क्षेत्रों सहित देश के सभी भागों में अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। वस्तुत: भारतीय स्टेट बैंक के नेटवर्क में 70 प्रतिशत शाखाएं और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस समय भारतीय स्टेट बैंक को छोड़कर 20 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मौजूद हैं।