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आयकर रिटर्न दाखिल करने की तिथि 5 अगस्त तक बढ़ी

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आयकर रिटर्न दाखिल करने की तिथि 5 अगस्त तक बढ़ी

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा सोमवार को पांच अगस्त तक बढ़ा दी है।

आयकर विभाग ने एक ट्वीट में कहा कि करदाताओं की परेशानियों को देखते हुए 2016-17 के लिए आयकर दाखिल करने की समय सीमा पांच अगस्त तक बढ़ा दी गई है।

इस साल से 31 जुलाई से पहले रिटर्न भरना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि आईटी रिटर्न का सिस्टम सख्त करते हुए समय से रिटर्न फाइल न करने वालों को पेनल्टी देने का नियम लागू कर दिया है। आयकर रिटर्न की पहले के सिस्टम में अगर किसी ने अपने सभी टैक्स चुकाएं हैं तो वे बीते दो साल का रिटर्न बिना किसी बाधा के भर सकता था।

आयकर दाखिल करने की तारीख बढाए जाने से करदाताओं को बडी राहत मिली है। खासकर ऐसे करदाता जो किसी कारणवश अब तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए थे अब वे बिना पैनल्टी निर्धारित 5 अगस्त तक रिटर्न दाखिल कर सकेंगे।

सैलरीड क्लास को भरना होगा सहज फॉर्म

टैक्सपेयर्स जान लें कि यदि आपकी आय सिर्फ सैलरी से है तो फिर आईटीआर 1 यानी सहज फॉर्म ही भरें। प्रोपराइटरी बिजनस चलाने वालों के लिए आईटीआर फॉर्म 3 या 4 है। हाल ही में आईटी डिपार्टमेंट ने फॉर्म्स के नंबरों में कुछ बदलाव किया है तो इसका ख्याल रखते हुए अपनी आय के हिसाब से आप फॉर्म को जानें और रिटर्न फाइल करें।

अगर आने जरूरी फॉर्म के अलावा किसी और फॉर्म को भरकर रिटर्न फाइल करते हैं तो आईटी डिपार्टमेंट इनकम टैक्स ऐक्ट एक्ट 139(9) के तहत आपको नोटिस भी भेज सकता है। आपको तय समय में दोबारा आईटीआर भरने के लिए कहा जा सकता है. यदि आप तय समय में रिवाइज्ड आईटीआर नहीं भर पाते हैं तो आपका आईटीआर रिटर्न फाइल नहीं माना जाएगा।

आईटीआर फाइल करने के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत

आप सैलरीड हैं तो एंप्लॉयर द्वारा दिया गया फॉर्म 16, सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिले ब्याज के स्टेटमेंट्स, टीडीएस सर्टिफिकेट, सभी कटौतियों के प्रूफ, होम लोन पर दिए गए ब्याज का स्टेटमेंट आदि। आपने पिछले फाइनिशल इयर में नौकरी बदली है तो पिछली नौकरी और मौजूदा नौकरी दोनों के फॉर्म 16 की जरूरत होगी।

2017-18 के समय तो आपको ये भी डिटेल देनी है जिसमें नोटबंदी के दौर में आपने अपने अकाउंट में कैश डिपॉजिट किया हो। अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक से अधिक बैंक खाताधारकों के लिए जरूरी है कि वो अपने बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी के बारे में 31 जुलाई से तक इनकम टैक्स रिटर्न में पूरी जानकारी मुहैया करवाए।

ITR वैरिफिकेशन है बेहद जरूरी

आईटीआर रिटर्न भरना उसके आखिरी स्टेप वेरिफिकेशन के बिना पूरा नहीं माना जाएगा। अगर आईटी डिपार्टमेंट की वेबसाइट से रिटर्न भरा है तो आपको अपलोडेड रिटर्न का वेरिफिकेशन खुद करना होगा, तभी आईटीआर पूरा और वैलिड माना जाएगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न को वेरिफाई करने के 6 तरीके टैक्सपेयर्स को दे रखे हैं। अगली स्टोरी में हम बताएंगे कि कैसे आप आईटीआर का वैरिफिकेशन कर सकते हैं जिसमें से एक आधार OTP और नेटबैंकिंग भी हैं।

टैक्स से छूट वाली आय की जानकारी देवें
बतादें कि पीपीएफ अकाउंट पर मिला ब्याज और टैक्स फ्री बॉन्ड्स से हुई कमाई की जानकारी भी आईटीआर में देना जरूरी है। गत बजट में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया था अगर आपकी कमाई और टैक्स से छूट वाली इनकम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा होती है, तब भी आपको आईटीआर भरना होगा। ब्याज और बॉन्ड से मिली रकम मिलाकर 2.5 लाख रुपए से ज्यदा हो गई तो आपको रिटर्न फाइल करना जरूरी है।