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ना घोड़ी न बैण्ड-बाजे, साइकिल से आई बारात

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ना घोड़ी न बैण्ड-बाजे, साइकिल से आई बारात

kota

कोटा। दूल्हा घोड़ी पर नहीं, साइकिल पर सवार था। पीछे-पीछे साइकिलों पर ही सवार बाराती। ना घोड़ी न बैण्ड-बाजे। साइकिल पर सवार हो दूल्हे राजा अपनी दुल्हनिया को लेने आए।

ये अनूठा विवाह रविवार को शहर में देखने को मिला। सरस्वती कॉलोनी निवासी अनंत त्रिवेदी अपनी जीवनसंगिनी कविता बत्रा को लेने बारातियों संग साइकिलों से पहुंचे। यह अनूठी बारात कॉलोनी से लेकर नयापुरा स्थित आरटीडीसी होटल तक गई।

बारात जहां से भी गुजरी, लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी रही। इस अनूठी बारात के पीछे अनंत का उद्देश्य पर्यावरण बचाने एवं शरीर को स्वस्थ रखने का संदेश देना था। अनंत की पहल को शहरवासियों ने काफी सराहा। अनंत पेशे से होटल व्यवसाई हैं तथा कविता इंजीनियर हैं।

अनंत में पर्यावरण बचाने एवं शरीर को फिट रखने के जुनून का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार सुबह ही उन्होंने जयपुर में सुबह चार बजे से आयोजित मैराथन दौड़ में भाग लिया। वहां से सीधे कोटा पहुंचे और घर आकर खुद की निकासी की तैयारी की।

यहां आने के महज एक घंटे के भीतर वे निकासी के लिए तैयार हो गए। अनंत ने ना कोई मेकअप किया ना विशेष साज-सज्जा, बिल्कुल साधारण कुर्ता-धोती पहने अनंत साइकिल पर निकल पड़े अपनी जीवनसंगिनी को लाने और साथ में था पर्यावरण प्रेमी बारातियों का कारवां। बारात में साइक्लोट्रोट क्लब के करीब 50 सदस्य भी साइकिलों पर थे।

सारी रस्में साइकिल पर

आमतौर पर निकासी के दौरान घोड़े पर सवार दूल्हे को रिश्तेदार जुहारी कर नारियल व रुपए देते हैं। यहां फर्क इतना था कि घोड़े की जगह सिर्फ साइकिल थी। जिस पर सवार दूल्हे की रिश्तेदारों ने जुहारी की।

अनंत की साइकिल के आगे रिश्तेदार झूमकर नाचे

कई बार अनंत भी बारातियों संग झूमते दिखे। अनंत की बारात में शामिल होने आए साइक्लोट्रोट क्लब के संस्थापक सदस्य चंद्रेश शर्मा, राजेश शर्मा एवं डॉ. साकेत गोयल ने बताया कि अनंत के इस प्रयास से लोगों में पर्यावरण संरक्षण एवं शरीर की फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। सुबह जयपुर में मैराथन में दौड़ने के बाद भी उसका जोश खत्म नहीं हुआ। उसकी पहल सराहनीय है।