Home Business GST के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि में आएगी तेजी : अरुण जेटली

GST के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि में आएगी तेजी : अरुण जेटली

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GST के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि में आएगी तेजी : अरुण जेटली
GST implementation will boost India's economic growth says Arun Jaitley
GST implementation will boost India's economic growth says Arun Jaitley
GST implementation will boost India’s economic growth says Arun Jaitley

वॉशिंगटन। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और जीएसटी के लागू होने जैसे पहलुओं से इसकी वृद्धि में और तेजी आएगी।

मंत्री ने यह भी कहा कि 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले से कर निपटारे में इजाफा होगा और जाली नोटों के खतरे में कमी आएगी।

जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। मुद्रा सुधार पहल से भारतीय अर्थव्यवस्था में नगदी का इस्तेमाल कम होगा, कर निपटारे में इजाफा होगा और आतंकवादियों के वित्तपोषण में अहम भूमिका निभाने वाले जाली नोटों के खतरों में कमी आएगी। वित्त मंत्री कल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा एवं वित्तीय समिति आईएमएफसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लागू किए गए गहरे ढांचागत सुधारों से पैदा हुए बाह्य प्रभावों और ठोस कुल मांग के कारण आगामी वर्षों में वृद्धि रफ्तार पकड़ सकती है।

नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी लागू करने के मार्ग पर पूरी तरह अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि आधार से जुड़े प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से अवांछित लीकेज को खत्म करने में सफलता मिली है और इससे सरकार की अच्छी-खासी बचत हुई है।

इस बीच, जेटली ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष व्यापार गतिविधियां सुनिश्चित करने के प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति को लेकर आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं के रूख और उनमें बढ़ते संरक्षणवाद की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था फिर से गति नहीं पकड़ पा रही है।

आईएमएफसी की बैठक में उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें उभर कर आई हैं जिनसे लगता है कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आया है।

जेटली ने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं, खासकर अमरीका, में आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे हो रहे सुधार और कुछ बड़े उभरते बाजारों में वृद्धि में आई उछाल के आधार पर 2017 में यह और गतिशील होगी।