Home Gujarat Ahmedabad कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच अंतत: समझौता हुआ

कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच अंतत: समझौता हुआ

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कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच अंतत: समझौता हुआ
gujarat polls : we are agree with congress formula for reservation to Patidar says Hardik Patel
gujarat polls : we are agree with congress formula for reservation to Patidar says Hardik Patel
gujarat polls : we are agree with congress formula for reservation to Patidar says Hardik Patel

अहमदाबाद। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का वादा किया। पाटीदार नेता ने इस समर्थन की घोषणा कांग्रेस द्वारा पटेल समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरियों में आरक्षण देने का वादा करने के बाद की है। कांग्रेस ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आती है तो नौकरियों में आरक्षण देगी।

यहां खचाखच भरे संवादाता सम्मेलन में हार्दिक ने इसकी घोषणा पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की तरफ से की। हार्दिक ने कहा कि पीएएएस औपचारिक रूप से कांग्रेस द्वारा दिए गए ‘व्यावहारिक फार्मूले’ को स्वीकार कर रही है।

पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण की हमारी मांग को एक फार्मूले के साथ स्वीकार कर लिया है। इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व ओबीसी के मौजूदा 49 फीसदी आरक्षण में बगैर छेड़छाड़ के संवैधानिक तौर पर पटेल समुदाय को ओबीसी के समकक्ष फायदे दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस पार्टी के फार्मूले को स्वीकार कर रहे हैं। हार्दिक पटेल और कांग्रेस ने यह विवरण नहीं दिया कि किस तरह से आरक्षण के फार्मूले पर पहुंचे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि हार्दिक पटेल उचित समय पर विवरणों का खुलासा करेंगे। सिब्बल ने पटेल व दूसरे पीएएएस नेताओं के साथ वार्ता की थी।

सिब्बल ने महज इतना कहा कि उनकी पार्टी का पाटीदारों को आरक्षण देने का सुझाव संविधान के अनुरूप होगा। भारतीय जनता पार्टी के नेता व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस समझौते का मजाक बनाया और इसे एक-दूसरे के साथ धोखा करने जैसा बताया।

उन्होंने कहा कि अब तक मैंने जो बयान देखे हैं, कांग्रेस व हार्दिक परस्पर धोखेबाजी का एक क्लब हैं। देश का कानून बहुत ही स्पष्ट है और यह सर्वोच्च अदालत द्वारा निर्धारित किया गया है और पिछले हफ्ते राजस्थान के मामले में इसे दोहराया गया कि 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे को धोखा देना जारी रख सकते हैं और जनता को यह कह कर धोखा दे रहे हैं कि हम तय सीमा का उल्लंघन करने की एक पद्धति ईजाद करेंगे। वैध व संवैधानिक रूप से यह संभव नहीं जैसा कि आज कानून है।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने नौकरियों में आरक्षण के कांग्रेस के फार्मूले को स्वीकार करने पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की बुधवार को कड़ी आलोचना की। नितिन पटेल ने हार्दिक पटेल द्वारा राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने पर उन्हें मूर्ख बताया।

नाराज नितिन पटेल ने कहा कि मूर्खो ने फार्मूला दिया है और मूर्खो ने इसे स्वीकार किया है। मैंने हार्दिक से ज्यादा मूर्ख व्यक्ति नहीं देखा है। वह नौजवान लड़का है। उसने समुदाय के लोगों का कुछ प्यार पाया है, लेकिन वह जल्द ही बर्बाद होने जा रहा है।

युवा पटेल नेता पर तीखा हमला बोलते हुए उपमुख्यमंत्री आपा खोते दिखाई दिए। भाजपा ने हार्दिक को कांग्रेस का एजेंट तक कह डाला है। लेकिन हार्दिक ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के इस आरोप को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमारी मांग मान ली है, हालांकि वह विपक्ष में है और उन्होंने इसे अपने घोषणा-पत्र में शामिल करने का भी वादा किया है। उन्होंने कहा कि इस हालात में जब भाजपा हमारे युवाओं को प्रताड़ित कर रही है और देशद्रोह सहित झूठे मामलों में फंसा रही है, तो कांग्रेस का समर्थन करने में कुछ भी गलत नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को मुझे कांग्रेस का एजेंट कहने दीजिए। मैं जनता के सिवाय किसी का एजेंट नहीं हूं। भाजपा गुजरात की जमींदार नहीं है, छह करोड़ लोग राज्य के मालिक हैं।

हार्दिक ने कहा कि कांग्रेस ने कहा है कि यदि वह गुजरात चुनाव जीतती है तो वह संविधान की धारा 31-सी व 46 के तहत आरक्षण का एक प्रस्ताव पारित करेगी।

उन्होंने कहा कि संविधान में कहीं नहीं कहा गया है कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने सिर्फ इस पर सुझाव दिए हैं। संविधान में ऐसा कोई कानून या प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सभी हितधारकों से बात करनी चाहिए और एक अलग आयोग बनाना चाहिए।

पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने वादा किया है कि ओबीसी आयोग के प्रावधानों के अनुरूप वह पटेल समुदाय या किसी अन्य अगड़ी जाति का सर्वेक्षण कराएगी और आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक या रोजगार मानकों को आधार बनाकर पटेल समुदाय या अन्य अगड़े समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि 1994 से गुजरात सहित बहुत से राज्यों ने 50 फीसदी से परे जाकर आरक्षण दिया है और तमिलनाडु व कर्नाटक जैसे राज्यों में 15 से 17 सालों से आरक्षण है।