Home Gujarat Ahmedabad गुजरात ने 66 साल बाद जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब

गुजरात ने 66 साल बाद जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब

0
गुजरात ने 66 साल बाद जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब
Gujarat wins maiden Ranji Trophy title after 66 year wait
Gujarat wins maiden Ranji Trophy title
Gujarat wins maiden Ranji Trophy title after 66 year wait

नई दिल्ली। गुजरात ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई को पांच विकेट से हराकर 66 साल बाद रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है। गुजरात ने जीत के लिए रखे गए 312 रन के लक्ष्य को 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया।

गुजरात ने रणजी फाइनल में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने का रिकॉर्ड भी बना दिया। इससे पहले 1937-38 में हैदराबाद और नवानगर के बीच खेले गए फाइनल में हैदराबाद ने 310 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा किया था।

गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल ने 195 गेंदों में 24 चौकों की मदद से 143 रन की शानदार पारी खेली। उन्हें शारदुल ठाकुर ने आउट किया। लेकिन तब तक पार्थिव मैच को गुजरात के पक्ष में पूरी तरह मोड़ चुके थे।

रणजी इतिहास में पार्थिव का मुंबई के खिलाफ यह पांचवां शतक रहा। उन्हें मैन ऑफ द मैच भी दिया गया। रुजुल भट्ट (26) और चिराग गांधी (11) नाबाद लौटे। मुंबई की ओर से बलविंदर संधु ने सबसे अधिक दो विकेट लिए।

89 रन पर तीन विकेट गिर जाने के बाद लग रहा था कि गुजरात की टीम लय खो देगी और मैच हाथ से निकल जाएगा, लेकिन कप्तान पार्थिव पटेल और मनप्रीत जुनेजा ने चौथे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करते हुए मैच को गुजरात के पाले में मोड़ दिया। पार्थिव और मनप्रीत के बीच 116 रनों की अहम साझेदारी हुई।

मनप्रीत ने 54 रन बनाए। इसके बाद पार्थिव का साथ रिजुल भट्ट ने दिया। दोनों ने मिलकर 94 रन जोड़े। इस बीच पार्थिव पटेल ने अपना शतक भी पूरा किया। पार्थिव का विकेट 299 के स्कोर पर गिरा। उन्होंने 195 गेंदों में 24 चौकों की मदद से 143 रन ठोके। गुजरात ने 5 विकेट पर 313 रन बनाए और फाइनल जीत लिया।

गुजरात ने पांचवें और अंतिम दिन बिना विकेट खोए 47 रन से आगे खेलना शुरू किया, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाले ओपनर प्रियंक पांचाल चौथे दिन के अपने निजी स्कोर 34 रन में कोई इजाफा किए बिना पैवेलियन लौट गए। उन्होंने समित गोहेल के साथ पहले विकेट के लिए 47 रन जोड़े।

51 रन पर दूसरा विकेट भी गिर गया, जब भार्गव मेराई दो रन पर बलविंदर संधु की गेंद पर बोल्ड हो गए। तीसरे विकेट के लिए पार्थिव पटेल और समित गोहेल ने 38 रन जोड़े कि तभी फॉर्म में चल रहे समित भी 21 रन बनाकर लौट गए।

मैच के चौथे दिन मुंबई की दूसरी पारी 411 रन पर समाप्ति हो गई थी, लेकिन गुजरात ने उसे पहली पारी में 100 रन से पीछे छोड़ दिया था, जिससे पहली पारी की बढ़त को कम करने के बाद गुजरात को जीत के लिए 312 रन का लक्ष्य मिला।

मुंबई की ओर से दूसरी पारी में नवोदित पृथ्‍वी शा ने 44, सूर्यकुमार यादव ने 49, श्रेयस अय्यर ने 82, जबकि कप्तान आदित्य तारे के 69 और अभिषेक नायर के 91 रन उल्लेखनीय रहे। नायर ने आखिरी विकेट के लिए पुछल्ले बल्लेबाज विजय गोहिल के साथ 41 रन की साझेदारी की।

नायर की इस शानदार पारी में पांच चौके और इतने ही छक्के शामिल रहे। चौथे दिन खेल की शुरुआत करते हुए मुंबई ने सूर्यकुमार यादव, सिद्धेश लाड, आदित्ये तारे, बलविंदर संधू, शारदुल ठाकुर, विशाल दाभोलकर और सबसे अंत में अभिषेक नायर के विकेट गंवाए।

तीसरे दिन की समाप्ति पर मुंबई का स्कोर तीन विकेट पर 208 रन था। स्को‍र अभी 238 रन तक ही पहुंचा था कि रश कलारिया टीम के लिए महत्वपपूर्ण कामयाबी लेकर आए। उन्होंने सूर्यकुमार (49) को विकेटकीपर पार्थिव पटेल से कैच कराया। नए बैट्समैन सिद्धार्थ भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और आरपी सिंह के शिकार बन गए।

इसके बाद तारे ने अपना अर्धशतक पूरा किया। हालांकि आदित्य अर्धशतक पूरा करने के बाद ज्यादा देर तक नहीं रुक सके और 69 रन बनाने के बाद हार्दिक पटेल के शिकार बन गए। मुंबई टीम के अगले दो विकेट बलविंदर संधु (20) और शारदुल ठाकुर (1) के रूप में गिरे। मुंबई का नौवां विकेट विशाल दाभोलकर के रूप में गिरा जिन्हें 12 रन के स्कोर पर चिंतन गजा ने आउट किया।

अपने करियर की बेहतरीन पारियों में से एक खेलने के बाद अभिषेक नायर (91) आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए। नायर को तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। दूसरी पारी में गुजरात को अपने प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कमी बेहद खली जो टीम इंडिया के लिए चुने गए हैं।

मध्यम तेज गेंदबाज चिंतन गजा ने सर्वाधिक छह विकेट लिए जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने दो विकेट हासिल किए। गुजरात यदि खिताब जीतने में कामयाब होता है तो वह पहली बार रणजी चैंपियन बनेगा| दूसरी ओर मुंबई के लिए यह चैंपियन बनने का 42वां (जीत की स्थिति में) मौका होगा।