Home Bihar गुरू गोविन्द सिंह व पंजाब से मेरा खून का रिश्ता : पीएम मोदी

गुरू गोविन्द सिंह व पंजाब से मेरा खून का रिश्ता : पीएम मोदी

0
गुरू गोविन्द सिंह व पंजाब से मेरा खून का रिश्ता : पीएम मोदी
Guru Gobind Singh's 350 th birth anniversary : PM Modi attends prakash parv in patna
Guru Gobind Singh's 350 th birth anniversary : PM Modi attends prakash parv in patna
Guru Gobind Singh’s 350 th birth anniversary : PM Modi attends prakash parv in patna

पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिखों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह जी की 350वीं जयंती के लिए आयोजित प्रकाश पर्व पर लोगों से एकता, अखंडता, भाईचारा, सामाजिक समरसता, सर्व पन्थ-समभाव के गुरू के मजबूत संदेश को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी और पंजाब से उनका खून का रिश्ता है।

प्रकाश पर्व के मुख्य समारोह को पटना के गांधी मैदान में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी ने देश के लिए सिर कटाने हेतु जब अपने पंच प्यारों का आह्वान किया था तो उस समय गुजरात के दर्जी समाज का एक बेटा आगे आया था।

गुरू गोविंद सिंह जी के ऊंचे मानदंडों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि उस समय देश के कोने-कोने से लोग आगे आए थे। सभी अपना-अपना सिर कटाने के लिए उनके साथ अपनी हामी भरी थी। इस घटना के बाद ही उनका गुरू गोविन्द सिंह जी और पंजाबियों के साथ खून का रिश्ता बन गया है, जो अब भी है।

गुरू गोविंद सिंह के त्याग और बलिदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने दूतावासों के माध्यम से सभी देशों में प्रकाश पर्व मना रही है जिसके लिए दूतावासों को विशेष संदेश दिए गए हैं। अन्य देशों में भी मनाए जा रहे इस पर्व से पूरे विश्व को यह एहसास हो गया है कि बिहार की धरती पर 350 साल पूर्व एक दिव्यात्मा का जन्म हुआ था जिसने मानवता को प्रेरणा दी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार सारी दुनिया को गुरू गोविन्द सिंह जी के बारे में अवगत कराने के लिए प्रयासरत है। अलग-अलग देशों में कार्यरत दूतावासों को प्रकाश पर्व मनाने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने प्रकाशपर्व के आयोजन पर 100 करोड़ रूपए दिए हैं। इसके अलावा रेल मंत्रालय ने स्थाई सुविधाओं के लिए 40 करोड़ रूपए और भारत सरकार के सांस्कृतिक विभाग ने भी 40 करोड़ रुपए इन आयोजनों के लिए दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में भी इस पर्व का आयोजन करने के लिए केंद्र सरकार योजना बना रही है। सिख श्रद्धालुओं के बीच पीएम मोदी ने अपना संबोधन पंजाबी भाषा में प्रारम्भ किया और समापन पर भी “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ से किया।

पंजाबी भाषा में चार पंक्तियाँ बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जी का आशीर्वाद लेने आए देश-विदेश के श्रुद्धालुओं को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं। प्रधानमंत्री पटना साहिब तख़्त हरिमंदिर साहब भी गए और इस अवसर पर उन्होंने गुरू गोविंद सिंह जी पर डाक टिकट भी जारी किया।

पीएम मोदी ने कहा कि गुरू गोविन्द सिह जी त्याग की प्रतिमूर्ति थे जिन्होंने अपनी आखों के सामने अपने पिता और पुत्रों को देश तथा मानवता के लिए न्योछावर कर दिया था। उनके संस्कार और मानवीय मूल्यों की प्रेरणा लेकर यह पर्व लोगों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

मोदी ने कहा कि अपनी दिव्य दृष्टि और दूरदर्शिता के कारण गुरू गोविंद सिंह जी ने गुरूग्रंथ साहब को केंद्र में रखकर जीवन का अनुशरण किया और देश की एकता-अखंडता की अदभुत मिसाल कायम करते हुए उन्होंने पंच प्यारे और खालसा पंथ के गठन में पूरे भारत को जोड़ने का प्रयास किया था।

मोदी ने कहा कि जिस तरह आदिगुरू शंकराचार्य ने हिन्दुस्तान के चारों कोने में मठों की स्थापना की थी उसी तरह गुरु गोविन्द सिंह जी ने भी उस समय समस्त हिन्दुस्तान को एकता में बांधने का प्रयास किया था।

प्रधानमन्त्री ने कहा कि परम्पराओं और अनुशासन की गुरू गोविन्द सिंह जी ने मिसाल कायम करते हुए अपने ही द्वारा गठित पंज प्यारे और खालसा पंथ के अनुशासन का स्वयं भी अनुसरण किया। अदम्य वीरता के अलावा वे धैर्य और त्याग का उन्कड़े अंदर अभ्होत्पूर्व समागम था जिसके बल पर उन्होंने ऊंच नीच, जातिवाद जैसे सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी संघर्ष किया।

मोदी ने आशा व्यक्त की कि अपने-पराए की भावना से ऊपर उठकर एक समाज सुधारक, त्याग और तपस्या में तपने वाले सर्वगुण सम्पन्न गुरू गोविंद सिंह जी का जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। संतुलित समाज और देश के निर्माण के लिए गुरू गोविन्द सिह जी के अन्दर समाहित एकता के साथ-साथ धीरता, शौर्य के साथ पराक्रम और त्याग के साथ साथ तपस्या जैसे गुणों को अपनाने की पीएम मोदी ने लोगों से अपील की।

बिहार को महापुरुषों की धरती बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस धरती ने देश को भारत का प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू, सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता जय प्रकाश नारायण, महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर जैसे मनीषियों को दिया है। उन्होंने कहा कि प्रकाशपर्व के माध्यम से बाहर ही नहीं अन्दर के ज्ञान को भी प्रकाशित करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन और बेहतर व्यवस्था के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रदेश के लोगों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार जिस मेहनत के साथ स्वयं गांधी मैदान में आकर हर बिंदुओं की बारीकी से जांच करते रहे, उसके बलबूते ही इतना बड़ा भव्य समारोह का आयोजन सफल किया जा सका है।

इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने कहा कि बिहार एक गौरवशाली राज्य है जहां गुरू गोविन्द सिंह जी जैसे महान बलिदानी और राष्ट्रनायक का जन्म हुआ था जिनका जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व सदा प्रेरणा देता रहेगा।

इस अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि गुरू गोविन्द सिंह का जन्म पटना में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन यहीं बिताया। उन्होंने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी महाराज देश ही नहीं बल्कि दुनिया में महान थे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बेहतरीन समागम के आयोजन के लिए प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी दिलचस्पी दिखाकर इस प्रकाशोत्सव के जरिये एक मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि पंजाब इस उत्सव के लिए सदा नीतीश कुमार का ऋणी रहेगा और खालसा पंथ उन्हें कभी भूल नहीं सकता।

बादल ने समय निकाल कर इस पर्व में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि जहां कहीं भी इस तरह का सिख श्रद्धालुओं ने आयोजन किया है, पीएम मोदी उसमें शामिल होकर आयोजनों का मान बढाते रहते हैं।