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रोहिंग्या के पक्ष में वरुण गांधी के लेख की केंद्रीय मंत्री ने आलोचना की

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रोहिंग्या के पक्ष में वरुण गांधी के लेख की केंद्रीय मंत्री ने आलोचना की
Hansraj Ahir slams Varun Gandhi's Rohingya editorial
Hansraj Ahir slams Varun Gandhi's Rohingya editorial
Hansraj Ahir slams Varun Gandhi’s Rohingya editorial

नई दिल्ली। बीजेपी सांसद वरुण गांधी के रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में शरण दिए जाने के पक्ष में दिए गए बयान की केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने आलोचना की है।

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के सांसद वरुण गांधी ने एक हिंदी दैनिक में अपने लेख में केंद्र की भाजपानीत सरकार को रोहिंग्या समुदाय को म्यांमार भेजने से पहले शरणार्थियों की मदद करने की ‘भारत की समृद्ध परंपरा’ को दिमाग में रखने की सलाह दी है।

वरुण गांधी ने अखबार में लिखा कि स्वतंत्रता के बाद भारत में चार करोड़ से ज्यादा शरणार्थी आए हैं। उन्होंने लेख के लिंक को ट्विटर पर साझा किया।

उन्होंने कहा कि भारत को राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनानी चाहिए जिसमें उत्पीड़न और गरीबी झेल रहे शरणार्थियों को अलग-अलग किया जाना चाहिए।

उन्होंने लेख में दिल्ली में नौकरी और घर खोजने में अफगान और म्यांमार के आव्रजकों के साथ हो रहे ‘भेदभाव’ को भी रेखांकित किया।

रोहिंग्या मुद्दे पर वरुण का यह विचार सरकार के रुख से पूरी तरह अलग है। सरकार रोहिंग्या आव्रजकों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानती है क्योंकि इनमें से कुछ के संबंध कथित रूप से इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा से जुड़े हुए हैं।

वरुण गांधी के लेख पर गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे देश की सुरक्षा की चिता होगी, वह ऐसे लेख नहीं लिखेगा।

अहीर ने पत्रकारों से कहा कि जिसके भी दिमाग में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा रहेगा, वह ऐसा बयान नहीं देगा। यह बात मेरी राय या मेरा मानना है की श्रेणी की नहीं है। सरकार ने जो भी निर्णय लिया है, वह राष्ट्रहित में है। किसी को भी रोहिंग्या पर सरकार के फैसले के विरुद्ध नहीं जाना चाहिए।

अहीर ने कहा कि सरकार रोहिंग्या को भारत में नहीं रहने देगी क्योंकि वे सुरक्षा के लिए खतरा हैं। अहीर ने प्रश्न करते हुए कहा कि रोहिंग्या ने म्यांमार के लिए मुश्किलें पैदा कीं और सरकार के खिलाफ काम किए। अगर म्यांमार उन्हें खारिज कर रहा है तो हम उन्हें क्यों स्वीकार करें?

वरुण गांधी ने लेख के विरोध में मंत्री के सामने आने के बाद ट्विटर पर अपने विचारों का बचाव किया और कहा कि उन्होंने केवल शरणार्थियों के साथ सहानुभूति दिखाने की बात कही थी।

उन्होंने ट्वीट में कहा कि जहां तक रोहिंग्या का सवाल है, मैंने केवल सहानुभूति के लिए कहा था जिसकी परिणति शरण देने में हो सकती है और ऐसा करने में हर आवेदक की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताओं के संदर्भ में की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उनका लेख मूल रूप से भारत की शरणार्थी नीति के पक्ष में है, इस साफ हदबंदी के साथ कि कि हम कैसे शरणार्थियों को किस रूप में स्वीकार करेंगे।