Home Rajasthan Ajmer चिकित्सा मंत्री सराफ ने ली विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक 

चिकित्सा मंत्री सराफ ने ली विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक 

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चिकित्सा मंत्री सराफ ने ली विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक 

अजमेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा आयुर्वेद विभाग मंत्री कालीचरण सराफ ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संभाग स्तरीय बैठक ली। इसमें संभाग के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक लगाने के निर्देश प्रदान किए। 

सराफ ने कहा कि संभाग में मलेरिया, डेंगु, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू तथा वायरल जैसी मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम की जानी चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों में स्वायत शासन निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर फोगिंग की जानी आवश्यक है। समस्त फोगिंग मशीन का उपयोग फोगिंग के लिए किया जाए।

मशीन के खराब होने पर तुरन्त मरम्मत करवाकर उन्हें चालू करने की जिम्मेदारी प्रभारी अधिकारी की है। फोगिंग से पूर्व निवासियों को सूचना देने के साथ – साथ जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।  उन्होंने कहा कि फोगिंग के लिए आवश्यक केरोसिन की मात्रा जिला रसद अधिकारी से प्राप्त की जाए।

इसी के साथ-साथ बारिश का पानी जमा होने वाली जल संरचनाओं में मच्छररोधी तेल एवं गम्बूसिया मछली जैसी एन्टीलार्वल एक्टिीविटी की जाए। मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विद्यालयलों में आईईसी गतिविधियां अंजाम दी जानी चाहिए।

मौसमी बीमारियों के बारे में प्रार्थना सभा में जानकारी दी जानी चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार के द्वारा जिला मुख्यालय को पोस्टर्स उपलब्ध करवाएं गए है। यह पोस्टर समस्त विद्यालयों पर तीन दिन में लग जाने चाहिए।  उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू का प्रारम्भिक अवस्था में उपचार करवाने से मरीज पूर्णतः ठीक हो जाते है।

स्वाइन फ्लू के लिए समस्त जिला अस्पतालों एवं मेडीकल काॅलेजों में आईशोलेशन वार्ड कार्यरत हैं। किसी भी स्वाइन फ्लू की आशंका से ग्रसित मरीज के भर्ती होने पर राउंड दा क्लाॅक सेंपल लेकर निकटवर्ती मेडिकल काॅलेज में भेजने की व्यवस्था की गई है।

मेडिकल काॅलेज द्वारा सेंपल की जांच प्राथमिकता के साथ की जाएगी। इसकी रिपोर्ट 7 घण्टे में देने के लिए राज्य सरकार के द्वारा आदेश जारी किए गए है। मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए रेजिडेंट डाक्टर के साथ-साथ एक वरिष्ठ चिकित्सक की उपलब्धता 24 घण्टे सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने कहा कि जिलों में चिकित्सा अधिकारी का सुसंगत पदस्थापन सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से रेशनलाईजेशन करेंगे। इससे जिले क समस्त व्यक्तियों को समान रूप से चिकित्सा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। चिकित्सकों तथा नर्सिंग कर्मियों को अपने मुख्यालय पर ही रूकना चाहिए।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा जिले में अनुपस्थित चिकित्सकों एवं नर्सिंग कर्मियों की सूचना प्रत्यक तीसरे दिन राज्य सरकार को भेजनी होगी।  शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने पंचशील में शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, हाथीखेड़ा के उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में क्रमोन्नत करने, कुन्दन नगर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में बढ़ी हुई सीटों के अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, मेडिसन, सर्जरी, आॅर्थाेपेडिक एवं गायनिक विभागों में पद भरने, जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में सीटीवीएस के संचालन तथा सुपर स्पेस्लिीटी सेन्टर स्थापना के लिए कहा।

देवनानी ने लोगिंया में अ श्रेणी आयुर्वेदिक चिकित्सालय को नर्सिंग ट्रेनिंग सेन्टर में स्थानान्तरित करने के पश्चात क्षेत्रावासियों के लिए आयुर्वेदिक औषधालय चालू रखने के लिए कहा। इस पर चिकित्सा मंत्राी ने रजामंदी जाहिर की।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने सैटेलाईट चिकित्सालय में एक ओर स्त्री रोग विशेषज्ञ लगाने, गुलाब बाड़ी स्वास्थ्य केन्द्र के लिए भवन निर्माण करने, पहाड़गंज स्वास्थ्य केन्द्र मरम्मत के लिए 40 लाख की राशि उपलब्ध करवाने, सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रतिनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति निरस्त करने तथा चन्द्रवरदाई नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को शीघ्र पूर्ण विकसित करवाने के लिए कहा।

किशनगढ़ विधायक भागीरथ चौधरी ने विधानसभा क्षेत्रा में चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों एवं एएनएम के रिक्त पदों को भरने के लिए कहा। अन्य स्थानों पर प्रतिनियुक्ति पर लगे नर्सिंग कर्मियों को कल ही मूल स्थान पर जोईन करवाने के निर्देश प्रदान किए गए। ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत ने विधानसभा क्षेत्रा में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्घ करवाने के लिए चर्चा की।

प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा) वीनू गुप्ता ने कहा कि मौसमी बीमारियों से लड़ने में आयुर्वेदिक काढ़ा बहुत मददगार साबित हो रहा है। राज्य के समस्त औषधालयों में पर्याप्त मात्रा में काढ़ा उपलब्ध करवाया गया है। जालौर, जोधपुर, सिरोही एवं उदयपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काढ़े की अतिरिक्त मात्रा सप्लाई की गई है।

इस अवसर पर जन स्वास्थ्य निदेशक डाॅ. वीके माथुर, आयुर्वेद विभाग के निदेशक स्नेहलता पंवार, अतिरिक्त जिला कलक्टर किशोर कुमार, संयुक्त निदेशक डाॅ. गजेन्द्र सिंह सिसोदिया, अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा एवं टोंक के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. आरके गोखरू उपस्थित थे।