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GST : विलासिता की वस्तुओं पर भारी टैक्स

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GST : विलासिता की वस्तुओं पर भारी टैक्स
heavy taxes on sin, luxury goods under GST
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heavy taxes on sin, luxury goods under GST

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली और राज्यों के वित्तमंत्रियों ने मिलकर कथित विलासिता की वस्तुओं पर भारी कर लगाने का फैसला लिया। इन वस्तुओं में तंबाकू, पान मसाला और गैस युक्त पेय पदार्थ शामिल हैं। साथ विलासिता की वस्तुओं की श्रेणी में लक्जरी वाहनों को भी रखा गया है और इन पर कर की दरें ऊंची रखी गई हैं।

श्रीनगर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की हुई दो दिवसीय बैठक में करों की सबसे ऊंची दर 28 फीसदी रखी गई है। छोटी कारों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी होगी, इसके अलावा उन पर 1 से 3 फीसदी का उपकर भी लगाया जाएगा।

वहीं, गैस युक्त पेय पदार्थो का उपयोग कम करने के लिए इस पर भारी कर लगाया गया है। इसके तहत सोडा वाटर, लेमोनेड और अन्य पेय पदार्थ हैं, जिन पर 28 फीसदी कर के साथ 12 फीसदी का उपकर लगाया गया है।

वहीं, पान मसाला पर कुल 88 फीसदी कर वसूला जाएगा। इसे 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, जबकि 60 फीसदी का उपकर लगाया गया है।

सिगरेट पर विशेष कर के साथ ही 5 फीसदी उपकर लगाया गया है। 1000 सिगरेट पर 1,591 रुपये से लेकर 4,170 रुपये का विशेष कर लगाया गया है।

वही, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलों, निजी विमान और नाव को 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, साथ ही इन पर 3 फीसदी का उपकर भी लगाया गया है।

तंबाकू और तंबाकू उत्पाद पर 61 फीसदी से लेकर 204 फीसदी उपकर लगाया गया, जबकि इन पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी कर लिया जाएगा।

जीएसटी में कर की सबसे उच्च दर 28 फीसदी के अंतर्गत च्युइंगम, व्हाइट चॉकलेट, कोकोआ वाली चॉकलेट, वेफर्स कोटेड चॉकलेट, इंस्टैट कॉफी, कस्टर्ड पाउडर, बच्चों के रंग-पेंट, वार्निश, परफ्यूम्स, ब्यूटी उत्पाद, सनस्क्रीन, शैंपू, हेयर डाई, ऑफ्टर-शेव लोशन्स और डेयोड्रेंट्स रखे गए हैं।

साथ ही पटाखे, वाश बेसिन, कृत्रिम फर से बनी वस्तुएं, कृत्रिम फूल, बिग, रेजर ब्लेड, कटलेरी, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, स्टोरेज वॉटर हीटर, डिश वॉशर, फोटोकॉपी मशीन, फैक्स मशीन, इंसुलेटेड कॉपर वॉयर, कारों, कलाई घड़ी, रिवॉल्वर, पिस्टल, सिगरेट लाइटर और स्मोकिंग पाइप को भी 28 फीसदी कर की श्रेणी में रखा गया है।

जीएसटी में कोयले पर 5 फीसदी कर, बिजली की कीमतें घटेंगी

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा कोयले पर कर की दर 5 फीसदी रखे जाने की प्रशंसा करते हुए कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि इस कदम से बिजली वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स) को किफायती दर पर बिजली मुहैया करा सकेंगी। कोयले पर वर्तमान में 11.69 फीसदी की दर से कर लगता है।

गोयल ने यहां कहा कि जीएसटी शासन को देशभर में लागत में कमी लाने, भ्रष्टाचार को कम करने तथा एक देश एक कर की दर को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। मुझे खुशी है कि जीएसटी परिषद ने कोयले को 5 फीसदी के स्लैब में रखा है। इससे बिजली के दाम घटेंगे।

गोयल नई और नवीकरणीय ऊर्जा और खनन विभाग के मंत्री भी हैं। उन्होंने सोलर मॉडयूल पर 18 फीसदी कर की दर के बारे में कहा कि इससे सौर ऊर्जा के टैरिफ पर असर नहीं होगा।

इस संबंध में उन्होंने कहा कि परियोजना की दर अलग-अलग परियोजनाओं पर निर्भर करती है। इससे भ्रष्टाचार में कमी तथा परिचालन संबंधी कठिनाइयों के घटने से सौर ऊर्जा के टैरिफ को कम रखने में मदद मिलेगी।

गोयल ने यह भी कहा कि पिछले तीन सालों में देश में बिजली की मांग 6.5 फीसदी बढ़ी है और बिजली उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।